कविता कर्म June 18, 2025 / August 25, 2025 by डॉ राजपाल शर्मा 'राज' | Leave a Comment सौ वर्षों की बातें सोचें,तब तो व्यर्थ आज की बारिश।आज धरा का रूप अलग है,कल सूरज सब जल हर लेगा।मिट्टी तो कल सूख जाएगी,मेघ आज का क्या कर लेगा। ये किसलय जो नव रंगों के,कल को पीले हो जाएंगे।अगले वर्ष तक ये घन गर्जन,हर स्मृति से खो जाएंगे।नव मेघों का जिक्र रहेगा,सब जोहेंगे उनकी राहें […] Read more » कर्म
धर्म-अध्यात्म “सभी दुःखों से मुक्ति व आनन्दमय मोक्ष की प्राप्ति के चार साधन” November 2, 2018 / November 2, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, मनुष्य को अपने पूर्वजन्म के शुभ कर्मों के परिणामस्वरूप परमात्मा से यह श्रेष्ठ चोला व शरीर मिला है। सब प्राणियों से मनुष्य का शरीर श्रेष्ठ होने पर भी यह प्रायः सारा जीवन दुःख व क्लेशों से घिरा रहता है। दूसरों लोगों को देख कर यह अपनी रुचि व सामर्थ्यानुसार विद्या प्राप्त कर […] Read more » अधिकानन्द अन्न आनन्द कर्म गुण जल न्यून आनन्द वायु सुभाषित स्वभाव
धर्म-अध्यात्म “प्रातः सायं ईश्वर की उपासना मनुष्य का अनिवार्य धर्म है” August 24, 2018 / August 24, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, मनुष्य मननशील प्राणी को कहते हैं। हम मननशील हैं, अतः हमारा प्रमुख कार्य मनन पूर्वक सभी कार्यों को करना है। मनुष्य संसार में आता है तो वह वह संसार को देख कर जिज्ञासा करता है कि यह संसार किसने बनाया है? सूर्य, चन्द्र, पृथिवी, ग्रह-उपग्रह तथा लोक लोकान्तर किसने बनाये हैं? पृथिवी […] Read more » Featured अन्तर्यामी ईश्वर कर्म गुण परमेश्वर शुद्ध सनातन सर्वज्ञ सर्वोपरि विराजमान स्वभाव स्वयंसिद्ध
धर्म-अध्यात्म ‘अधर्म वा पाप करने से सुख का मूल हमेशा के लिए कट जाता हैः आचार्य वेदप्रकाश श्रोत्रिय’ June 7, 2018 / June 8, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, श्रीमद्दयानन्द आर्ष ज्यातिर्मठ गुरुकुल, पौंधा-देहरादून के वार्षिकोत्सव में आयोजित ‘सद्धर्म सम्मेलन’ में दिनांक 1-6-2018 को प्रसिद्ध वैदिक विद्वान आचार्य वेदप्रकाश श्रोत्रिय जी का सम्बोधन हुआ। उनके व्याख्यान को यहां प्रस्तुत कर रहे हैं। ऋषिभक्त विद्वान आचार्य वेदप्रकाश श्रोत्रिय ने कहा कि यदि संसार के सभी लोग कोशिश करें कि वह सब मिलकर […] Read more » Featured ईश्वर ऋषि दयानन्द जी कर्म कृष्ण धर्म संसार पाप व पुण्य राम श्रीमद्दयानन्द आर्ष
धर्म-अध्यात्म जन्म व पुनर्जन्म का आधार हमारे पूर्व जन्मों व वर्तमान जन्म के शुभाशुभ कर्म May 28, 2018 by मनमोहन सिंह | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य हम प्रतिदिन संसार में नये बच्चों के जन्म के समाचार सुनते रहते हैं। इसी प्रकार पशु व पक्षियों आदि के बच्चे भी जन्म लेते हैं। मनुष्य व पशु आदि प्राणियों के जन्म का आधार क्या है? इसका उत्तर न विज्ञान के पास है और न अधिकांश मत-मतान्तरों के पास है। इसका तर्क […] Read more » Featured आकृति व परिवेश ऋषि दयानन्द सरस्वती कर्म का आधार हमारे पूर्व जन्मों गुण जन्म व पुनर्जन्म प्रवृत्ति वर्तमान जन्म के शुभाशुभ कर्म शारीरिक सामर्थ्य एवं बुद्धि सामर्थ्य स्वभाव