कविता साहित्य केकरा संग खेलहूं फाग March 24, 2016 by विपिन किशोर सिन्हा | 3 Comments on केकरा संग खेलहूं फाग बुरा न मानें होली है — एक ठे स्पेसल फगुआ केकरा संग खेलहूं फाग इटली दूर बसत है इटली दूर बसत है केकरा संग खेलहूं फाग कि नैहर दूर बसत है। परणव से मोहे लाज लगत है मोदिया के मन बेईमान नैहर दूर बसत है केकरा संग खेलहूं फाग नैहर दूर बसत है। दिग्गी मगन […] Read more » Featured केकरा संग खेलहूं फाग