लेख लोकतंत्र का स्वरूप बदलने की जरूरत तो है पर अवसर नहीं December 8, 2011 / December 8, 2011 by वीरेन्द्र जैन | 3 Comments on लोकतंत्र का स्वरूप बदलने की जरूरत तो है पर अवसर नहीं वीरेन्द्र जैन केन्द्रीय मंत्री फारुख अब्दुल्ला का कहना है कि अब देश में नियंत्रित लोकतंत्र अपनाने का समय आ गया है। उनका कहना एक ओर तो समस्याओं की ओर उनकी चिंताओं को दर्शाता है किंतु दूसरी ओर ऐसा हल प्रस्तुत करता है जिसकी स्वीकार्यता बनाने के लिए एक तानाशाही शासन स्थापित करना होगा। स्मरणीय है […] Read more » Democracy केन्द्रीय मंत्री फारुख अब्दुल्ला लोकतंत्र का स्वरूप बदलने की जरूरत