राजनीति ‘लहरी’ नही ‘प्रहरी’ बनें जनप्रतिनिधि May 9, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment सत्ता में अपने लिए 'प्रबंध' और दूसरे के लिए 'प्रतिबंध' का खेल चलता रहता है। जो थोड़े से मुखर जनप्रतिनिधि होते हैं वे इस खेल में पारंगत होते हैं। वे दूसरों का रास्ता रोकने (प्रतिबंध) और अपना रास्ता प्रशस्त करने (प्रतिबंध करने) की कला को जानते हैं। इस प्रकार के जनप्रतिनिधि सत्ता में लॉबिंग करते देखे जा सकते हैं। इसीलिए ये कुछ मुखर रहते हैं। पार्टी के भीतर पार्टी बनाकर ये लोग सत्ता को भ्रमित करने या अपने अनुसार हांकने का भी प्रयास करते हैं। ये ऐसी शक्ति भी रखते हैं कि चुनावों के समय किसी का टिकट भी कटवा सकते हैं। इनके चिंतन में भी राष्ट्रचिंतन कम और अपने आपको सत्ता हिलाने में समर्थ दिखाने की चाह अधिक होती है। इस प्रकार इनसे भी देश का भला नहीं हो पा रहा। Read more » Featured जनप्रतिनिधि
राजनीति पैमान-ए-क़ाबिलियत: जनप्रतिनिधि बनाम लोक सेवा अधिकारी April 28, 2017 by निर्मल रानी | Leave a Comment कहीं शौचालय बनाए जा रहे हैं तो कहीं खुले में शौच करने पर जुर्माना लगाया जा रहा है। परंतु देश की मध्यप्रदेश 1994 बैच की एक काबिल प्रशासनिक अधिकारी दीपाली रस्तोगी ने अपने एक लेख में प्रधानमंत्री की स्वच्छ भारत योजना पर कुछ सवाल खड़े किए हैं। सरकार ने दीपाली रस्तोगी के सवालों का जवाब देने के बजाए उन्हें अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम 1968 के उन प्रावधानों का उल्लेख करते हुए एक नोटिस जारी की है जिसके तहत सरकार की नीति योजना तथा सरकारी निर्णयों की कोई भी अधिकारी आलोचना नहीं कर सकता। Read more » beurocrat Featured less educated politicians जनप्रतिनिधि पैमान-ए-क़ाबिलियत लोक सेवा अधिकारी
राजनीति शर्म उनको आती नहीं November 28, 2011 / December 4, 2011 by हिमकर श्याम | Leave a Comment हिमकर श्याम राजनीति जब नकारों के हाथों में चली जाती है तो व्यवस्था का विघटन शुरू हो जाता है। गैरजवाबदेह और निरंकुश व्यवस्था स्थापित हो जाती है। राजनीति की मौजूदा शैली से देश का आर्थिक, सामाजिक और लोकतांत्रिक ढ़ाँचा चरमराने लगा है और अनिश्चितताएँ बढ़ने लगी हैं। आजादी के छह दशक बाद भी हमारी संस्थाएं […] Read more » जनप्रतिनिधि नेता राजनीति