Tag: जनप्रतिनिधि

राजनीति

‘लहरी’ नही ‘प्रहरी’ बनें जनप्रतिनिधि

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सत्ता में अपने लिए 'प्रबंध' और दूसरे के लिए 'प्रतिबंध' का खेल चलता रहता है। जो थोड़े से मुखर जनप्रतिनिधि होते हैं वे इस खेल में पारंगत होते हैं। वे दूसरों का रास्ता रोकने (प्रतिबंध) और अपना रास्ता प्रशस्त करने (प्रतिबंध करने) की कला को जानते हैं। इस प्रकार के जनप्रतिनिधि सत्ता में लॉबिंग करते देखे जा सकते हैं। इसीलिए ये कुछ मुखर रहते हैं। पार्टी के भीतर पार्टी बनाकर ये लोग सत्ता को भ्रमित करने या अपने अनुसार हांकने का भी प्रयास करते हैं। ये ऐसी शक्ति भी रखते हैं कि चुनावों के समय किसी का टिकट भी कटवा सकते हैं। इनके चिंतन में भी राष्ट्रचिंतन कम और अपने आपको सत्ता हिलाने में समर्थ दिखाने की चाह अधिक होती है। इस प्रकार इनसे भी देश का भला नहीं हो पा रहा।

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राजनीति

पैमान-ए-क़ाबिलियत: जनप्रतिनिधि बनाम लोक सेवा अधिकारी

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कहीं शौचालय बनाए जा रहे हैं तो कहीं खुले में शौच करने पर जुर्माना लगाया जा रहा है। परंतु देश की मध्यप्रदेश 1994 बैच की एक काबिल प्रशासनिक अधिकारी दीपाली रस्तोगी ने अपने एक लेख में प्रधानमंत्री की स्वच्छ भारत योजना पर कुछ सवाल खड़े किए हैं। सरकार ने दीपाली रस्तोगी के सवालों का जवाब देने के बजाए उन्हें अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम 1968 के उन प्रावधानों का उल्लेख करते हुए एक नोटिस जारी की है जिसके तहत सरकार की नीति योजना तथा सरकारी निर्णयों की कोई भी अधिकारी आलोचना नहीं कर सकता।

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