विविधा तप, दीक्षा और राष्ट्र November 3, 2015 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment आचार्य चाणक्य ने कहा है कि यदि व्यक्ति राष्ट्रवाद से शून्य है, राष्ट्रभक्ति से हीन है, राष्ट्र के प्रति सजग नहीं है, तो यह शिक्षक की असफ लता है। व्यक्ति तो क्या देश की धरती का कण-कण राष्ट्र भक्ति की भावना से मचल उठे, रोम-रोम में राष्ट्र रम जाये, राष्ट्र भक्ति की भावना से मचल […] Read more » Featured तप दीक्षा और राष्ट्र