विविधा आदर्श परिवार निर्माण में युवाओं की भूमिका December 12, 2011 / December 12, 2011 by डॉ. मनोज चतुर्वेदी | Leave a Comment डॉ. मनोज चतुर्वेदी भारतीय संस्कृति में ही अपना कुटुंब है कि अवधारणा रही है, पर पाश्चात्य संस्कृति ने यौन संबंधों द्वारा पति-पत्नी, पुत्र, पुत्री को ही परिवार माना है। यह कहां तक सही है, इस पर विचार करने की जरूरत है। क्या स्वयं में ‘मैं’ ही परिवार हूं? क्या पुरूष और स्त्री का एक साथ […] Read more » family youth परिवार युवा
समाज हमारी कुटुम्ब-संस्था : एक अचरज August 17, 2011 / December 7, 2011 by डॉ. मधुसूदन | 12 Comments on हमारी कुटुम्ब-संस्था : एक अचरज डॉ. मधुसूदन हमारी हस्ती ना मिटाने वाली कौनसी बात है? (१) कुछ वर्ष पूर्व भारत से ”फुल ब्राइट स्कॉलर” रहकर वापस लौटे हुए तीन अमरिकन प्रॉफ़ेसरों का (Talks)वार्तालाप यहां आयोजित किया गया था। यह वार्तालाप एक स्थानीय युनिवर्सिटी में रखा गया था। उन तीनों में से, एक प्रोफेसर ३ बार, एक २ बार, और एक […] Read more » Family organisation कुटुम्ब-संस्था परिवार
समाज टूटते परिवार दरकते रिश्ते April 2, 2011 / December 14, 2011 by श्याम नारायण रंगा | 6 Comments on टूटते परिवार दरकते रिश्ते श्याम नारायण रंगा ‘अभिमन्यु’ एक समय था जब लोग समूह में और परिवार में रहना पसंद करते थे। जिसका जितना बड़ा परिवार होता वो उतना ही संपन्न और सौभाग्यशाली माना जाता था और जिस परिवार में मेल मिलाप होता था और सम्पन्नता होती थी उसके पूरे क्षेत्र में प्रतिष्ठा रहती थी। यह ऐसा समय […] Read more » Relation परिवार रिश्ता
समाज क्या हम परिवार को बचा पाएंगे ? June 8, 2009 / December 27, 2011 by जयराम 'विप्लव' | 2 Comments on क्या हम परिवार को बचा पाएंगे ? घर में शिशु संगोपन और शिशु संस्कार अत्यन्त उपेक्षित विषय बन गए हैं , जो आने वाली पीढी के लिए प्रतिकूल परिणामदायक होगी । आज की आधुनिक शिक्षा ने उपभोगवादी मानसिकता को इतना बढावा दिया है Read more » family परिवार