धर्म-अध्यात्म “आर्यसमाज का उद्देश्य संसार का उपकार करना” April 24, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य समाज की एक इकाई है। मनुष्य का अभिप्राय स्त्री व पुरुष दोनों से होता है। इन दोनों के समूहों से मिल कर समाज बनता है। समाज का अर्थ होता कि सभी मनुष्य स्त्री व पुरुष परस्पर समान अथवा बराबर हैं। पृथिवी के किसी भूभाग पर समाज के द्वारा ही देश का […] Read more » Featured अग्नि अन्न आकाश ओषिधियां जल दुग्घ फल फूल मनुष्य वनस्पतियां वायु समाज
कविता साहित्य ये फूल अनोखे से….. July 15, 2017 by बीनू भटनागर | Leave a Comment गुलमोहर के पेड़ अनोखे सुन्दर लाल सुनहरी फूलों से आग लगायें। घने पेड़ लगे हों जहाँ उस आग से, मन शीतल होजायें। पीले अमलतास के फूल वृक्षों पर लहराये शोभा हर वन उपवन की मनभाये इतरायें पलाश के जंगल ही जंगल लाल सुनहरे पीले से भी फूल बड़े कुछ छोटे से भी झुंडो मे मुस्कायें […] Read more » फूल