व्यंग्य साहित्य एक पत्र बरखा रानी के नाम June 29, 2017 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment । तुम आंधी के साथ आओ, बिजली के साथ आओ, बाप बादल की पीठ पर सवार होकर आओ, लेकिन आओ। हम तोके कचौड़ी गली की कचौड़ी खिलाऊंगा, लंगड़ा आम खिलाऊंगा, गोदौलिया की मलाई वाली भांग की ठंढ़ई पिलाऊंगा, रामनगर की लस्सी पिलाऊंगा और लंका के केशव का बनारसी पान खिलाऊंगा। तुम कहोगी तो आईपी माल में ले जाकर हाफ गर्लफ़्रेंड भी दिखा दूंगा। Read more » Featured बरखा रानी