धर्म-अध्यात्म “स्वस्थ, सुखी व दीर्घ जीवन का आधार सन्ध्योपासना व इसके मन्त्रों का अर्थ सहित चिन्तन” September 13, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, मनुष्य जीवन परमात्मा से हम सबको अपनी आत्मा की उन्नति के लिये मिला है। आत्मा की उन्नति का साधन सत्य ज्ञान की प्राप्ति सहित उसके अनुरूप आचरण करना है। ईश्वर के ध्यान, उपासना उपासना चिन्तन, उपासना को सन्ध्या कहा जाता है। सन्ध्या का अर्थ है ईश्वर का भली भांति ध्यान करना है। […] Read more » ऐश्वर्य दीघार्युऋषि दयानन्द बल यश सुख स्वस्थ शरीर
प्रवक्ता न्यूज़ “जीवात्मा और शरीर” July 16, 2018 / July 16, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, मनुष्य को मनुष्य इस लिये कहते हैं क्योंकि यह मननशील प्राणी है। मनन का अर्थ है कि मन की सहायता से हम अपने कर्तव्यों व गुण-दोष को जानकर गुणों का ग्रहण व दोषों का त्याग करें। यदि हम मनन करना छोड़ देते हैं और काम, क्रोध, लोभ में फंस कर स्वार्थ […] Read more » “जीवात्मा और शरीर” Featured अनिच्छा अप्रसन्नता आनन्द ऋषि दयानन्द पहिचानना पुरुषार्थ बल मनुष्य विलाप विवेक वैर
धर्म-अध्यात्म जीवात्मा के बन्धन और मोक्ष पर ऋषि दयानन्द के तर्क व युक्तिसंगत विचार April 11, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य संसार में हम एक सामान्य नियम देखते हैं कि यहां अच्छे काम करने वाले को सम्मानित किया जाता है और बुरे काम करने वालों को दण्डित किया जाता है। मनुष्य जीवन में आत्मा यदि अच्छे काम करती है तो परमात्मा की ओर से उसको उसके अच्छे कर्मों के फल के रूप में […] Read more » Featured आकर्षण इच्छा उत्साह क्रिया गति गन्धग्रहण दर्शन द्वेष निश्चय पराक्रम प्रेम प्रेरणा बल भीषण विभाग विभाजक विवेचन श्रवण संयोग...!! संयोजक संसार स्पर्शन स्मरण स्वादन