व्यंग्य साहित्य वे बीच में खड़े हैं December 20, 2017 by विजय कुमार | Leave a Comment गुजरात के चुनाव आखिरकार सम्पन्न हो ही गये। दो महीने से बड़ा शोर था उनका। उस शोर में बेचारे हिमाचल प्रदेश को तो लोग भूल ही गये। बात ही कुछ ऐसी थी। परिणाम देख-सुनकर शर्मा जी बहुत उदास हैं। – ये ठीक नहीं हुआ वर्मा। – क्यों, जो भी हुआ, जनता ने किया है। क्या […] Read more » Featured बीच मणिशंकर अय्यर