कविता साहित्य बिजली के तार पर, बेल चढ जाती है. March 16, 2018 by डॉ. मधुसूदन | 5 Comments on बिजली के तार पर, बेल चढ जाती है. डॉ. मधुसूदन (१) फूलों को फैलाकर सौरभ* को बाँटकर बिजली के तार पर बेल चढ जाती है. {सौरभ*=सुगंध, सुवास) (२) मानव की सत्ता को चुनौती देती है गिलहरी तारपर कर्तब दिखाती है. (३) रास्ते की भीड़ है, पीपल का पेड़ है. डाली पर बसता एक, चिडिया का नीड़* है. {नीड़*= घोंसला} (४) तिनके की […] Read more » creepers On the electric wire Featured बेल