आर्थिकी भारत की आत्मा ग्रामों में बसती है अतः देश में ग्रामीण विकास ज़रूरी November 16, 2020 / November 16, 2020 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment अर्थ की महत्ता आदि काल से चली आ रही है। आचार्य चाणक्य ने भी कहा है कि राष्ट्र जीवन में समाज के सर्वांगीण उन्नति का विचार करते समय अर्थ आयाम का चिंतन अपरिहार्य बनता है। इस दृष्टि से जब हम इतिहास पर नज़र डालतें हैं तो पता चलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था का गौरवशाली इतिहास […] Read more » so rural development is essential in the country The soul of India resides in the villages ग्रामीण विकास भारत की आत्मा
विविधा धर्म भारत की आत्मा January 15, 2018 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment डा.राधेश्याम द्विवेदी धर्म की व्यापकता – जीवन के सभी क्षेत्रों में धर्म व्याप्त है और धर्म के बिना जीवन जिया ही नहीं जा सकता। इसी “धर्म ने हम सबको धारण किया हुआ है और हमने जन्म से मृत्युपर्यन्त धर्म को धारण किया हुआ है। इस धर्म से उसी प्रकार अलग नहीं हुआ जा सकता, जिस […] Read more » Religion Religion is soul of India soul of India धर्म भारत भारत की आत्मा
लेख साहित्य संस्कृत, भारत की आत्मा ! January 16, 2012 / January 16, 2012 by प्रमोद भार्गव | 2 Comments on संस्कृत, भारत की आत्मा ! प्रमोद भार्गव दिल्ली में संपन्न हुए पन्द्रहवें विश्व संस्कृत सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने संस्कृत को भारत की ‘आत्मा’ बतलाते हुए, संस्कृत की महत्ता व महिमा के दृष्टिगत कई महत्वपूर्ण बातें कहीं। उन्होंने कहा, संस्कृत दुनिया की सबसे प्राचीनतम जीवंत भाषाओं में से एक है। यदि हम इसकी टूटी हुई […] Read more » heart of all languages-sanskrit Sanskrit भारत की आत्मा संस्कृत