कविता प्यार के पत्ते जब झड़ जाते है,पतझड़ आ जाता है जीवन में May 29, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment प्यार के पत्ते जब झड़ जाते है,पतझड़ आ जाता है जीवन में शरीर के अंग जब थक जाते है,बुढ़ापा आ जाता है जीवन में ह्रदय तोड़ दे जब कोई तुम्हारा,नीरसता आ जाती है जीवन में पास न हो जब प्रियतम तुम्हारा,विरहता आ जाती है जीवन में मिलन हो जाये जब दो दिलो का,खुशियां आ जाती […] Read more » क्रान्ति तुम्हारे मन का मीत मिल जाये तुमको संतोष धन
कविता मिले न जब मन का मीत,मनमीत तुम किसे बनाओगी ? May 18, 2018 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment मिले न जब मन का मीत,मनमीत तुम किसे बनाओगी ? मै मीरा बनकर अपने मनमोहन को मनमीत बनाऊँगी जब तोड़ दे कोई ह्रदय तुम्हारा,फिर किसके द्वार तुम जाओगी ? जब तोड़ेगा कोई ह्रदय मेरा,अपने द्वारकाधीश के द्वार जाऊंगी जब मिले न कोई संग-साथ,फिर किसको संगीत सुनाओगी ? जब मिलेगा न कोई संग-साथ,मीरा बनकर भजन सुनाऊंगी […] Read more » अंतिम संस्कार कराओगी ? आंसू बहाओगी मन का मीत मिले न जब विष का प्याला