मिले न जब मन का मीत,मनमीत तुम किसे बनाओगी ?

मिले न जब मन का मीत,मनमीत तुम किसे बनाओगी ?
मै मीरा बनकर अपने मनमोहन को मनमीत बनाऊँगी

जब तोड़ दे कोई ह्रदय तुम्हारा,फिर किसके द्वार तुम जाओगी ?
जब तोड़ेगा कोई ह्रदय मेरा,अपने द्वारकाधीश के द्वार जाऊंगी

जब मिले न कोई संग-साथ,फिर किसको संगीत सुनाओगी ?
जब मिलेगा न कोई संग-साथ,मीरा बनकर भजन सुनाऊंगी

जब भेजेगा कोई विष का प्याला,उसको कैसे तुम पी पाओगी ?
जब भेजेगा कोई विष का प्याला,अमृत समझ कर पी जाऊंगी

जब कोई न याद करे तुम्हे,फिर किसकी याद में आंसू बहाओगी ?
जब कोई न याद करे मुझे,फिर सांवरे की याद में आंसू बहाऊंगी

जब छोडोगी ये संसार,फिर किस से तुम अंतिम संस्कार कराओगी ?
जब छोडूंगी ये संसार,मै अपने सलोने से अंतिम संस्कार कराऊंगी

आर के रस्तोगी 

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