धर्म-अध्यात्म महाभारत-४ October 19, 2014 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment श्रीकृष्ण आरंभ में युद्ध ही एकमात्र समाधान है, ऐसा नहीं मानते। सर्वशक्तिमान होने के बावजूद वे कभी अनायास शक्ति-प्रयोग की बात भी नहीं करते परन्तु उपमा-उपमेय के द्वारा शिष्ट भाषा में सबकुछ कह भी जाते हैं। संजय के माध्यम से वे धृतराष्ट्र को संदेश देते हैं – वनं राजा धृतराष्ट्रः सपुत्रो व्याघ्रा वने संजय […] Read more » महाभारत
धर्म-अध्यात्म महाभारत-३ October 17, 2014 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment संजय भी जल्दी हार माननेवाला कहां था। वह ज्ञानी भले ही न हो, जानकार तो था ही। सामान्य जन ज्ञान और जानकारी को एक ही मानते हैं। सत्य और असत्य को पहचानना उतना कठिन नहीं है, जितना ज्ञान और जानकारी में अन्तर समझना। ज्ञान प्राप्त होने के बाद मनुष्य मौन हो जाता है। उसकी […] Read more » महाभारत
धर्म-अध्यात्म महाभारत-२ October 15, 2014 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment युधिष्ठिर के धार्मिक एवं शान्तिप्रिय स्वभाव को लक्ष्य करके ही धृतराष्ट्र ने ऐसा संदेश भिजवाया था। मनुष्य जो भी करता है उसे उचित ठहराने की कोशिश अवश्य करता है। इसके लिये वह कभी धर्म का तर्क देता है, कभी सत्य का, कभी परंपरा का, कभी सिद्धान्त का, तो कभी नैतिकता का। वाकपटु मनुष्य असत्य […] Read more » महाभारत
धर्म-अध्यात्म महाभारत-१ October 14, 2014 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment महाभारत की रचना महर्षि वेद व्यास ने की। यह भारत का सर्वाधिक प्रचलित ग्रन्थ है जिसमें वह सबकुछ है जो इस लोक में घटित हुआ है, हो रहा है और होनेवाला है। यह हमें अनायास ही युगों-युगों से चले आ रहे उस संघर्ष की याद दिलाता है जो मानव हृदय को आज भी उद्वेलित कर […] Read more » महाभारत
कला-संस्कृति वैदिक साहित्य का एक प्रमुख ग्रन्थ – संक्षिप्त महाभारत August 29, 2014 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on वैदिक साहित्य का एक प्रमुख ग्रन्थ – संक्षिप्त महाभारत -मनमोहन कुमार आर्य- महाभारत विश्व में आज से 5115 वर्ष से पूर्व घटित इतिहास विषयक घटनाओं की प्रसिद्ध पुस्तक है। इसके मूल लेखक महर्षि वेद व्यास थे। आर्य जाति एवं विश्व का सौभाग्य है कि विगत अवधि में घटी वैदिक ज्ञान विरोधी घटनाओं के बावजूद महाभारत पूर्णतः नष्ट होने से बच गया और हमारे पास […] Read more » ग्रन्थ महाभारत वेद वैदिक साहित्य
धर्म-अध्यात्म कहो कौन्तेय-८२ (महाभारत पर आधारित उपन्यास अंश) December 23, 2011 / December 23, 2011 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment (दुर्योधन-वध) विपिन किशोर सिन्हा हम पांचों भ्राता श्रीकृष्ण के पीछे-पीछे सूर्यकुण्ड के किनारे पहुंचे। भीम ने ऊंचे स्वर में दुर्योधन को ललकारा लेकिन जल में कोई हलचल नहीं हुई। श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर के साथ संक्षिप्त मंत्रणा की। धर्मराज ने दुर्योधन को संबोधित करते हुए ऊंचे स्वर में कहा – “सुयोधन! समस्त क्षत्रियों तथा अपने कुल […] Read more » Mahabharat कहो कौन्तेय महाभारत
धर्म-अध्यात्म कहो कौन्तेय-74 (महाभारत पर आधारित उपन्यास अंश) December 10, 2011 / December 10, 2011 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment (द्रोण-वध) विपिन किशोर सिन्हा कुरुक्षेत्र के समीप के अरण्य से एक वन्य कुक्कुट ने सूर्योदय की बांग दी। युद्ध के पन्द्रहवें दिन का सूरज पूरब के क्षितिज पर उदित हुआ। रात्रि-युद्ध की थकान सभी महारथियों पर स्पष्ट देखी जा सकती थी। लेकिन अवकाश का समय कहां था? पद्माकार सैन्य रचना के साथ गुरु द्रोण व्यूह […] Read more » Mahabharat कहो कौन्तेय महाभारत
धर्म-अध्यात्म श्री रामचरितमानस पर मची है : महाभारत – एस.ए. अस्थाना November 6, 2009 / December 26, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 5 Comments on श्री रामचरितमानस पर मची है : महाभारत – एस.ए. अस्थाना देश से बाहर कौन कहे भारत भूमि पर ही आज सनातन धर्म, सनातन संस्कृति हर दिन, हर क्षण तेजी के साथ पतनोन्मुखी हो रही है और हम ‘किंकर्तव्य विमुढ़’ की स्थिति में खड़े-खड़े देख रहे हैं। इसका शर्मनाक तथ्य तो यह है कि सनातन धर्म-संस्कृति के पतन का जिम्मेदार कोई विदेशी संगठन, विदेशी संस्कृति या […] Read more » Ramcharitmanas एस.ए. अस्थाना महाभारत मानस पर मची है रामभद्राचार्य की रामायण श्री रामचरितमानस