जन-जागरण महत्वपूर्ण लेख समाज कितना असाधारण अब सौ फीसदी कुदरती हो जाना February 26, 2017 by अरुण तिवारी | Leave a Comment परिस्थिति के हिसाब से किसानों के तर्क व्यावहारिक हैं। उनकी बातों से यह भी स्पष्ट हुआ कि वे केचुंआ खाद, कचरा कम्पोस्ट आदि से परिचित नहीं है। गोबर गैस प्लांट उनकी पकड़ में नहीं है। हरी खाद पैदा करने के लिए हर साल जो अतिरिक्त खेत चाहिए, उनके पास उतनी ज़मीन नहीं है। ज़िला कृषि कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारी गांव में आते-जाते नहीं। सच यही है कि जैविक खेती के सफल प्रयोगों की भनक देश के ज्यादातर किसानों को अभी भी नहीं है। Read more » Featured बी आॅर्गेनिक बी नैचुरल बी वैल्दी मुश्किल है कुदरती हवा रासायनिक हुई माटी-खेती रिमेन हैल्दी