व्यंग्य व्यंग : आप हमारे लीडर नही हो …! June 3, 2017 by अनुज हनुमत | Leave a Comment पहले दिल्ली और लखनऊ में टिकट के लिए हाथ फैलाते हैं फिर जनता के पास आकर वोट के लिए । अगर आपकी दिल्ली -लखनऊ में बात नही बनी तो वहीं विचारों में मतभेद बताकर आप दूसरी पार्टी में भी छलांग लगाकर कूदने से बाज नही आते हो । अगर पिछले 5 साल अच्छे से मन […] Read more » लीडर
व्यंग्य व्यंग्य/बुंदु उठ, लीडर बन April 27, 2009 / December 27, 2011 by अशोक गौतम | Leave a Comment बुंदु उठ, घराट बंद कर। चुनाव आ गया। खड्ड सूख गई। सिर में हाथ मत दे। परेशान मत हो। घराट का स्यापा मत कर। वोटर ही मत रह। वोटर होकर बहुत जी लिया। अब लीडर बन। Read more » vyangya लीडर व्यंग्य