धर्म-अध्यात्म “ऋषि दयानन्द की मानवतावादी वेदानुकूल मान्यताओं को न अपनाकर उनसे न्याय नहीं किया गया” July 30, 2018 / July 30, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, देश का पतन महाभारत काल युद्ध के बाद से हुआ है। इस पतन को हम धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक पतन सहित राजनीतिक पतन भी कह सकते हैं। महाभारत काल तक पूरे विश्व में केवल एक वैदिक धर्म था। सभी लोग वैदिक धर्म का ही पालन करते हैं। वैदिक धर्म से तात्पर्य है कि […] Read more » Featured आर्यसमाज ऋषि दयानन्द कृष्ण पंडित लेखराम मानवतावादी वेदानुकूल मान्यताओं राम वसुधैव कुटुम्बकम् स्वामी श्रद्धानन्द
राजनीति विकृत मानसिकता और कांग्रेस के नेता September 18, 2017 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment सुरेश हिन्दुस्थानी भारतीय संस्कृति से साक्षात्कार करने वाला व्यक्ति कभी अपशब्द नहीं बोल सकता, जो अपशब्द बोलता है, वह भारतीय संस्कृति का संवाहक हो ही नहीं सकता। भारतीय संस्कृति में वसुधैव कुटुम्बकम् का भाव समाहित है। इस कारण कहा जासकता है कि भारत विश्व के लिए कल्याण का भाव रखता है, लेकिन हमारे देश के […] Read more » Featured कांग्रेस कांग्रेस के नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मनीष तिवारी वसुधैव कुटुम्बकम् विकृत मानसिकता स्वच्छता अभियान
विविधा भारतीय मूल्यों पर आधारित हो शिक्षा October 8, 2016 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment वैसे भी जो समाज व्यापार के बजाए शिक्षा से मुनाफा कमाने लगे उसका तो राम ही मालिक है। हमारे ऋषियों-मुनियों ने जिस तरह की जिजीविषा से शिक्षा को सेवा और स्वाध्याय से जोड़ा था वह तत्व बहुलतः शिक्षा व्यवस्था और तंत्र से गायब होता जा रहा है। इस ऐतिहासिक फेरबदल ने हमारे शिक्षा जगत से चिंतन, शोध और अनुसंधान बंद कर दिया है। पश्चिम के दर्शन और तौर-तरीकों को स्वीकार करते हुए अपनी जड़ें खोद डालीं। आज हम न तो पश्चिम की तरह बन पाए, न पूरब का सत्व और तेज बचा पाए। Read more » Featured Indian Education Indian education based on Indian values Indian Education Policy भारतीय मूल्यों पर आधारित हो शिक्षा वसुधैव कुटुम्बकम् शिक्षा