राजनीति सियासत और सेक्स की कॉकटेल-कथा : 4 January 14, 2011 / December 16, 2011 by चंडीदत्त शुक्ल | 4 Comments on सियासत और सेक्स की कॉकटेल-कथा : 4 सीडी, जिसने सनसनी मचा दी… – चण्डीदत्त शुक्ल साल-2006 : उत्तर प्रदेश के एक पूर्वमंत्री का घर। बैकड्रॉप में मंत्रीजी के शपथग्रहण समारोह का चित्र लगा है। एक और तस्वीर डिप्लोमा संघ के अभिनंदन समारोह की है। यहां भी वो मौजूद हैं। इसी कमरे में हरे रंग की सलवार और कुर्ता पहने हुए एक युवती […] Read more » Sex सियासत सेक्स
राजनीति सियासत और सेक्स की कॉकटेल-कथा : 3 January 13, 2011 / December 16, 2011 by चंडीदत्त शुक्ल | 1 Comment on सियासत और सेक्स की कॉकटेल-कथा : 3 एक फूल, दो माली… चण्डीदत्त शुक्ल एक था गुल और एक थी बुलबुल…ये नग्मा तो बहुत ख़ूबसूरत है पर गुल एक हो और बुलबुल, बल्कि भौरें दो हो जाएं, तो मुश्किल खड़ी हो ही जाती है। अमिता मोदी के भी दो चाहने वाले थे। एक तो उनके हमसफ़र, हमनवां और नेशनल बैडमिंटन चैंपियन सैयद मोदी […] Read more » politics सियासत सेक्स
राजनीति सियासत और सेक्स की कॉकटेल-कथा-2 January 11, 2011 / December 16, 2011 by चंडीदत्त शुक्ल | 3 Comments on सियासत और सेक्स की कॉकटेल-कथा-2 मोहब्बत के बदले मौत… यौन शोषण की तोहमतों के घेरे में आए तीन विधायकों की `प्रेम? कथा’ आपने पढ़ी, अब बारी है, एक ऐसी ही लव स्टोरी की, जिसमें बात क़त्ल तक पहुंच गई। – चण्डीदत्त शुक्ल एक बहुत पुरानी फ़िल्म का गाना है—मोहब्बत की झूठी कहानी पे रोए…बड़ी चोट खाई, जवानी पे रोए। कुछ […] Read more » Sex सियासत सेक्स
राजनीति सियासत और सेक्स की कॉकटेल-कथा January 9, 2011 / December 16, 2011 by चंडीदत्त शुक्ल | 1 Comment on सियासत और सेक्स की कॉकटेल-कथा देश के तीन माननीय विधायक आरोपों के घेरे में हैं। एक यौन शोषण की तोहमत ङोलते हुए जान से हाथ धो बैठे, दूसरे बता रहे हैं-मैं नपुंसक हूं, रेप कैसे करूंगा और तीसरे पर लगा है किडनैपिंग का चार्ज। दुहाई है-दुहाई है.. – चण्डीदत्त शुक्ल ये महामहिम हैं, माननीय विधायक जी हैं, इनके दम से […] Read more » Sex सियासत सेक्स
परिचर्चा महिला-जगत परिचर्चा : राष्ट्रमंडल खेल और सेक्स August 4, 2010 / April 9, 2014 by संजीव कुमार सिन्हा | 144 Comments on परिचर्चा : राष्ट्रमंडल खेल और सेक्स यह पतन की पराकाष्ठा है। पश्चिमी सभ्यता भारतीय जीवन-मूल्यों को लीलने में जुटा हुआ है। भारतीय खान-पान, वेश-भूषा, भाषा, रहन-सहन, जीवन-दर्शन इन सब पर पाश्चात्य प्रवृति हावी होती जा रही है। हम नकलची होते जा रहे हैं। हम अपना वैशिष्टय भूलते जा रहे हैं। हम स्व-विस्मृति के कगार पर हैं। अच्छी प्रवृतियों की नकल करने […] Read more » Sex राष्ट्रमंडल खेल सेक्स
सिनेमा ‘मिसेज सिंह और मिस्टर मेहता’ में सेक्स का तड़का July 29, 2010 / December 23, 2011 by डॉ. मनोज चतुर्वेदी | 3 Comments on ‘मिसेज सिंह और मिस्टर मेहता’ में सेक्स का तड़का – डॉ. मनोज चतुर्वेदी ‘मिसेज सिंह और मिस्टर मेहता’ में सेक्स दृश्यों को देखकर ऐसा लगता है कि विवाहेत्तर यौन संबंधों पर केंद्रित फिल्मों के प्रदर्शन में निर्देशक प्रवेश भारद्वाज को महारत हासिल है। मसाला फिल्मों का एकमात्र लक्ष्य युवा पीढ़ी में यौन उत्कंठा को जागृत करके फिल्म का व्यावसायिक इस्तेमाल करना होता है क्योंकि […] Read more » Sex सेक्स
समाज सेक्स का औद्योगिकीकरण March 5, 2010 / December 24, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 5 Comments on सेक्स का औद्योगिकीकरण मौजूदा दौर की विशेषता है सेक्स का औद्योगिकीकरण। आज सेक्स उद्योग है। पोर्न उसका एक महत्वपूर्ण तत्व है। पोर्न एवं उन्नत सूचना तकनीकी के अन्तस्संबंध ने उसे सेक्स उद्योग बना दिया है। भूमंडलीकरण के कारण नव्य-उदारतावादी आर्थिक नीतियों के आधार पर नयी विश्व व्यवस्था का निर्माण किया गया है। इस व्यवस्था में निरंतर स्ट्रक्चरल एडजेस्टमेंट […] Read more » Porn Sex पोर्न सेक्स
धर्म-अध्यात्म बेपर्दा सन्त-महात्मा कितना सच! March 5, 2010 / December 24, 2011 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | 3 Comments on बेपर्दा सन्त-महात्मा कितना सच! भारत जैसे देश में जहाँ कृष्ण जैसे महान व्यक्तित्व ने सभी क्षेत्रों में सच्चाई को स्वीकार करके एक से एक नायाब उदाहरण प्रस्तुत किये हैं, वहाँ हम क्यों चाहते हैं कि सन्त या महापुरुष मुखौटे धारण करके अप्राकृतिक जीवन जियें? सेक्स या सम्भोग एक अति सामान्य और स्वाभाविक क्रिया होने के साथ-साथ प्रत्येक जीव के […] Read more » Sex महात्मा सन्त सम्भोग सेक्स
समाज सेक्स चर्चा (भाग-४) September 25, 2009 / December 26, 2011 by जयराम 'विप्लव' | 2 Comments on सेक्स चर्चा (भाग-४) पिछले दिनों कई पोस्ट में मैंने सेक्स और समाज को मुद्दा बना लिखा .आम तौर पर लोगों ने मज़े लेने के लिए पढ़े और वाहवाही कर चलते बने . हाँ कुछेक साथियों ने बहस में भाग लेने की कोशिश जरुर की जो कामयाब न हो पाई . सेक्स की बात सुन कर हम मन ही मन रोमांचित होते हैं .जब भी मौका हो सेक्स की चर्चा में शामिल होने से नहीं चूकते .इंटरनेट पर सबसे अधिक सेक्स को हीं सर्च करते हैं . Read more » Osho Sex and Society Sex in Indian Philosophy Sex in Life Spritualism Vatsyayan Kamsutra सेक्स सेक्स चर्चा