लेख समाज भारतीय सामाजिकता का नया समय December 5, 2019 / December 5, 2019 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment -प्रो. संजय द्विवेदी हमारे सामाजिक विमर्श में इन दिनों भारतीयता और उसकी पहचान को लेकर बहुत बातचीत हो रही है। वर्तमान समय ‘भारतीय अस्मिता’ के जागरण का समय है। जबकि यह ‘भारतीयता के पुर्नजागरण’ का भी समय है। ‘हिंदु’ कहते ही उसे दूसरे पंथों के समकक्ष रख दिए जाने के खतरे के नाते, मैं ‘हिंदु’ के स्थान पर ‘भारतीय’ शब्दपद का उपयोग कर रहा हूं। इसका […] Read more » indian nationalism New time of indian sociality भारतीय सामाजिकता भारतीयता वर्णव्यवस्था और जाति सांस्कृतिक अवधारणा से बना राष्ट्र स्वातंत्र्य वीर सावरकर
लेख साहित्य हिन्दू संघटन : गांधीजी, स्वामी श्रद्घानंद और स्वातंत्र्य वीर सावरकर August 24, 2016 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य सफल वक्ता वही होता है जो श्रोताओं को अपनी बात से सहमत और संतुष्ट तो कर ही ले साथ ही उसकी भाषण कला ऐसी हो जिससे लोग वही कुछ करने के लिए प्रेरित और आंदोलित भी हो उठें जिसे वह वक्ता उनसे कराना चाहता है। भाषण के अंत में यदि नेता कहे […] Read more » Featured गाँधीजी स्वातंत्र्य वीर सावरकर स्वामी श्रद्घानंद हिन्दू संघटन