धर्म-अध्यात्म ईश्वर से स्वराज्य अर्थात् मोक्ष सुख की प्रार्थना August 25, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment स्वाध्याय, चिन्तन, जप, तप व ध्यान से मोक्ष की ओर प्रस्थान– मनमोहन कुमार आर्य अथर्ववेद का 10/7/31 मन्त्र है जिसमें स्वराज्य अर्थात् मोक्ष सुख की ईश्वर से प्रार्थना की गई है।। यह मन्त्र प्रस्तुत हैः “नाम नाम्ना जोहवीति पुरा सूर्यात् पुरोषसः। यदजः प्रथमं सम्बभूव स ह तत्स्वराज्यमियाय यस्मान्न परमन्यदस्ति भूतम्।।” मन्त्र के पदार्थ पर […] Read more » ईश्वर चिन्तन जप तप ध्यान मोक्ष सुख की प्रार्थना स्वराज्य स्वाध्याय
समाज सुखी जीवन के उपाय स्वाध्याय, साधना और सदाचार August 14, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य संसार में जितने भी प्राणी है वह सब सुख की कामना करते हैं, दुःख की कामना कोई भी नहीं करता। ईश्वर भी किसी को अपनी ओर से दुःख देना नहीं चाहता। उसने यह सारी सृष्टि मनुष्य आदि सभी प्राणियों के सुख के लिए बनाई है। फिर भी सभी प्राणी सुख व दुःख […] Read more » सदाचार साधना सुखी जीवन के उपाय स्वाध्याय
धर्म-अध्यात्म स्वाध्याय और ईश्वरोपसना December 31, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य स्वाध्याय का ईश्वरोपसना से क्या कोई सम्बन्ध है? इस प्रश्न पर विचार करना आवश्यक है क्योंकि मनुष्य के जीवन से इसका गहरा सम्बन्ध है। प्रायः सभी मतों के लोग ईश्वरोपासना करते हैं परन्तु सद्ग्रन्थों के स्वाध्याय से पृथक रहते हैं। उन्हें परिवार व अन्यत्र जो उपासना बता दी जाती है, उसी को […] Read more » ईश्वरोपसना स्वाध्याय
धर्म-अध्यात्म स्वाध्याय क्यों करें ? December 13, 2014 / December 13, 2014 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनुष्य जीवन का उद्देश्य शारीरिक उन्नति कर बौद्धिक व आत्मिक उन्नति करना है। शारीरिक उन्नति तो अच्छे भोजन व व्यायाम आदि हो जाती है परन्तु बौद्धिक उन्नति के लिए अच्छे संस्कारों सहित ज्ञान, परा व अपरा विद्या, की आवश्यकता होती है। संस्कार माता-पिता, आचार्यों आदि से मिलते हैं तथा ज्ञान की प्राप्ति माता-पिता व आचार्यों […] Read more » why self education ? why to do swadhayay स्वाध्याय स्वाध्याय क्यों करें?
धर्म-अध्यात्म स्वाध्याय से जीवनोद्देश्य का ज्ञान व इच्छित फलों की प्राप्ति December 5, 2014 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment संस्कृत का “स्व” शब्द विश्व के भाषा साहित्य का एक गौरवपूर्ण व महिमाशाली शब्द है। इस शब्द में स्वयं को जानने व समझने की प्रेरणा छिपी है। जिसने “स्व” अथवा स्वयं को जान लिया वह जीवन में सफल हुआ कहा जा सकता है। जिसने “स्व” को न जाकर अन्य सब कुछ भौतिक सुख समृद्धि […] Read more » स्वाध्याय