राजनीति देश मजहब-प्रेम से ऊपर है December 31, 2016 / December 31, 2016 by अनुश्री मुखर्जी | Leave a Comment दीदी का मुस्लिम प्रेम ही था कि उन्होंने 30000 मदरसों को 2500 रुपये और 1500 मस्जिदों को 1500 रुपए प्रतिमाह देने का फैसला कर लिया था, जिसकी भविष्य में गंभीरता को देखते हुए माननीय कोलकाता हाईकोर्ट ने उस फैसले को ही खारिज कर दिया था। मां, माटी और मानुष की राजनीति के नारे की उस वक्त भी पोल खुली, जब मालदा हमले के ठीक पहले एक मदरसे के प्रधानाध्यापक काजी मसूम अख्तर पर इसलिए हमला कर दिया गया क्योंकि काजी छात्रों से राष्ट्रीय गान सुनना चाहते थे। यही नहीं सरकार ने कुछ मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा आपत्ति जताने के बाद बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन द्वारा लिखी गई पटकथा वाले नाटक सीरीज के प्रसारण पर भी रोक लगा दी और सलमान रुश्दी को कोलकाता आने पर प्रतिबंध लगा दिया। Read more » communal riots communal riots in Dhulagarh communal riots in west bengal Featured Muslim atrocity on Hindus in Mamta's West Bengal कोलकाता हाईकोर्ट तृणमूल कांग्रेस धुलागढ़ धुलागढ़ सांप्रदायिक हिंसा पश्चिम बंगाल पश्चिम बंगाल का धुलागढ़ सांप्रदायिक हिंसा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का मुस्लिम-प्रेम सांप्रदायिक हिंसा
विविधा आखिर ये दंगे होते ही क्यों है July 28, 2012 / July 28, 2012 by राजीव गुप्ता | 3 Comments on आखिर ये दंगे होते ही क्यों है राजीव गुप्ता 1948 के बाद भारत में पहला सांप्रदायिक दंगा 1961 में मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर में हुआ ! उसके बाद से अब तक सांप्रदायिक दंगो की झड़ी सी लग गयी ! बात चाहे 1969 में गुजरात के दंगो की हो , 1984 में सिख विरोधी हिंसा की हो, 1987 में मेरठ के दंगे हो […] Read more » communal riots सांप्रदायिक दंगा
लेख समाज के नशे में घुलता उन्नाद का जहर November 5, 2011 / December 5, 2011 by संजय स्वदेश | 2 Comments on समाज के नशे में घुलता उन्नाद का जहर संजय स्वदेश पिछले दिनों राजस्थान में सांप्रदायिक हिंसा की घटना के बाद फिलहाल अभी ऐसा कोई राष्ट्रिय प्रसंग नहीं है कि धर्म की कट्टरता पर बहस हो। लेकिन प्रसंग नहीं होने की बाद भी इस मुद्दे पर चिंतन आवश्यक है। शांत महौल में देश के किसी न किसी हिस्से में हिंसक मजहबी हिलोरे उठती हैं। […] Read more » communal riots सांप्रदायिक हिंसा