साहित्य कहो कौन्तेय-७१ December 4, 2011 / December 4, 2011 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment विपिन किशोर सिन्हा (जयद्रथ-वध) कर्ण के निर्देश पर दुर्योधन, वृषसेन, कृपाचार्य, अश्वत्थामा, शल्य और स्वयं कर्ण ने अपने-अपने रथों को सटाकर मेरे सामने एक अर्द्ध मण्डलाकार घेरे का निर्माण कर दिया। जयद्रथ पुनः उनके पीछे छिप गया। अर्द्धमंडल के मध्य में स्थित कर्ण ने बाण-वर्षा कर दी। अन्य महारथी भी बड़ी कुशलता से युद्ध कर […] Read more » Episodes of Mahabharata Kaho Kauntey कहो कौन्तेय जयद्रथ-वध
साहित्य कहो कौन्तेय-७० December 2, 2011 / December 2, 2011 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment विपिन किशोर सिन्हा (भीम के हाथों कर्ण की पराजय) भीम के रौद्ररूप के सम्मुख कौरव सेना का कोई महारथी टिक नहीं पा रहा था। विवश दुर्योधन अपने नेत्रों से अपनी सेना की दुर्दशा देख रहा था। आज भीम के सामने आने का अर्थ था – सीधे मृत्यु को निमन्त्रण देना। उसने कातर नेत्रों से कर्ण […] Read more » Episodes of Mahabharata Kaho Kauntey कहो कौन्तेय भीम के हाथों कर्ण की पराजय
साहित्य कहो कौन्तेय-६९ November 30, 2011 / November 29, 2011 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment विपिन किशोर सिन्हा (सात्यकि और भीमसेन का पराक्रम) महासमर के चौदहवें दिन का सूरज भी नियत समय पर उदित हुआ। रणवाद्यों की गूंज से आकाश दहल गया। अपने रथ नन्दिघोष पर आरूढ़ हो मैंने सम्मुख युद्ध के लिए सन्नद्ध कौरवों की सेना का सिंहावलोकन किया। आचार्य द्रोण ने आज शकटव्यूह की रचना की थी। चौबीस […] Read more » Episodes of Mahabharata Kaho Kauntey कहो कौन्तेय सात्यकि और भीमसेन का पराक्रम
साहित्य कहो कौन्तेय-५७ November 10, 2011 / December 4, 2011 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment विपिन किशोर सिन्हा (श्रीकृष्ण का आखिरी शान्ति-प्रस्ताव) श्रीकृष्ण ने मुस्कुराकर दुर्योधन को देखा। मधुर वाणी में दुर्योधन से कहने लगे – “कुरुनन्दन! मेरी बात ध्यान से सुनो। इससे तुम्हारा, तुम्हारे परिवार, क्षत्रिय समाज और संपूर्ण आर्यावर्त का हित होगा। तुमने बुद्धिमानों के कुल में जन्म लिया है, अतः शुभ कार्य ही तुमसे अपेक्षित है। पाण्डव […] Read more » Episodes of Mahabharata Kaho Kauntey कहो कौन्तेय-५७
धर्म-अध्यात्म कहो कौन्तेय-५५ November 6, 2011 / December 5, 2011 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment (शान्ति-दूत के रूप में श्रीकृष्ण) विपिन किशोर सिन्हा शान्ति-स्थापना के अन्तिम प्रयास के रूप में श्रीकृष्ण को हस्तिनापुर भेजना निश्चित किया गया। जाने के पूर्व मैं, युधिष्ठिर, भीमसेन, नकुल. सहदेव और सात्यकि मंत्रणा के लिए श्रीकृष्ण के पास बैठे। महाराज युधिष्ठिर युद्ध के पक्ष में नहीं थे। शान्ति-स्थापना हेतु वे अपने आधे राज्य का त्याग […] Read more » Episodes of Mahabharata Kaho Kauntey कहो कौन्तेय