कविता कविता:आखिरी दिन-खुशबू सिंह January 20, 2012 / January 20, 2012 by खुशबू सिंह | Leave a Comment ये बात उस दोपहर की है जब शहर से भागता हुआ शोर एकाएक गाँव की सरहदों को ताकने लगा था देख रहा था यूं ही जैसे देखते है गली मे टहलते आवारा कुत्ते घरो के खुले दरवाजो को अक्सर फिराक मे ठीक उसी नियत से शहर से खदेड़ा हुआ शोर हाँफता हुआ दाखिल होने को […] Read more » famous hindi poems Hindi Poem कविता कविताएं श्रेष्ठ कविताएं हिन्दी कविता