कविता:आखिरी दिन-खुशबू सिंह
ये बात उस दोपहर की है जब शहर से भागता हुआ शोर एकाएक गाँव की…
ये बात उस दोपहर की है जब शहर से भागता हुआ शोर एकाएक गाँव की…
बदलाव आयेगा !!! ये शब्द हर जगह सुनने को मिल रहे हैं लेकिन ये बदलाव…
ये सब जानती हैं….. नित मातम के शोर में देश ने सन्नाटा ओड़ लिया हैं…
खुशबू सिंह 1. बैरी अस्तित्व मिटा गया .. निज आवास में घुस बैरी अस्तित्व मिटा…