एक अनुभव
माँ तुम बिन सब अधूरी है जीना तो चाहता नहीं , मगर तेरे सपनों के…
माँ तुम बिन सब अधूरी है जीना तो चाहता नहीं , मगर तेरे सपनों के…
भारत में जो रची बसी है , वह जनभाषा है हिन्दी। भारतमाँ के माथे की…
सागर मौला मस्त सा ख़ुद से ही अंजान, वाष्प बना उड़ता गया बादल बन बरस…
सफ़र लम्बा है मगर जाना तो पड़ेगा | टूटी है चप्पल , मगर पांव को…
(मधुगीति १९०८१९ अग्रसु) आज उस में सब समा गया है, आज रब उस में रम…
चाहूं मैं तुम साथ हो, जब पास हो तन्हाइयां कोई भी न साथ दे तब…
भारत में जो रची बसी है , वह जनभाषा है हिन्दी। भारतमाँ के माथे की…
चट्टान थे तुम हम लहर से , तुम से टकराते रहे, चोट खा खा के…
डॉ. सतीश कुमार मैं प्रश्न क्यों ना करूँ मैं बहस क्यों ना करूँ प्रश्न करना,…
नजरों से नजरें मिलाकर वो दिवाने कर गये मिलने की गर बात की तो वो…
‘कह मुकरी’ काव्य की एक ऐसी विधा है जिसका अस्तित्व भारतेंदु युग की समाप्ति और…
योग्य उम्मीदवार की तलाश पार्टी के सदस्य पदाधिकारी पशोपेश में थे कुछ पद के नशे…