गजल मुक्तिका/हिंदी गजल May 25, 2019 / May 25, 2019 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment हर बशर बदगुमान नजर आता है।भटका हुआ जवान नजर आता है।।प्यून है घूस से अर्श पर पहुंचा,देखिए साहिबान नजर आता है।जीभ फेरिए जरा सूखे होंठ पर,रचा रचाया पान नजर आता है।लग रही है मेनका सुंदरता में,कलेवर तो कमान नजर आता है।लतीफे की किताबें पढ़कर लगा कि,इस तरह संविधान नजर आता है। अविनाश ब्यौहार रायल एस्टेट […] Read more » genere of hindi hindi hindi gajal literature