समाज ग्राम स्वराज का अर्थ आत्मबल का होना January 29, 2018 by मनोज कुमार | Leave a Comment –मनोज कुमार महात्मा गांधी का मानना था कि अगर गांव नष्ट हो जाए, तो हिन्दुस्तान भी नष्ट हो जायेगा। दुनिया में उसका अपना मिशन ही खत्म हो जायेगा। अपना जीवन-लक्ष्य ही नहीं बचेगा। हमारे गांवों की सेवा करने से ही सच्चे स्वराज्य की स्थापना होगी। बाकी सभी कोशिशें निरर्थक सिद्ध होगी। गांव उतने ही पुराने […] Read more » Featured Gram Swaraj self-being ग्राम स्वराज
प्रवक्ता न्यूज़ ग्राम स्वराज्य ही विश्व मंगल का आधार September 5, 2009 / December 26, 2011 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | Leave a Comment अब ऐसा स्वीकार किया जाने लगा है कि विश्व में मानवीय मूल्यों के हो रहे ह्रास, नकारात्मक वृत्तियों के विकास का कारण ग्राम संस्कृति और ग्राम की स्वायतता का नष्ट हो जाना ही है। यह बात केवल भारत के संदर्भ में ही नहीं कही जा रही बल्कि इसे पूरे विश्व के संदर्भ में भी कहा […] Read more » Gram Swaraj ग्राम स्वराज्य