समाज दूसरों के बारे में नहीं, स्वयं के बारे में सोचे April 1, 2017 by ललित गर्ग | Leave a Comment दुनिया को जानना भी जरूरी है दुनिया में स्वयं को स्थापित करने के लिए। जगत को जानकर मनुष्य उसमें अपने होने को प्रमाणित करता है। अपने होने को प्रमाणित तो किया ही जाना चाहिए। इससे कोई इंकार नहीं कर सकता। सेसील एम. स्प्रिंगर ने कहा कि “सबसे बड़ी बात है कि स्वयं को चुनौती दें। आप स्वयं पर हैरान होंगे कि आप में इतना बल या सामर्थ्य है, तथा आप इतना कुछ कर सकते हैं।” Read more » dont think about others Featured Happiness index Happiness index of india happiness is lost think about self first जीवन से असन्तुष्ट
समाज सुख की खोज में हमारी खुशी कंहीं खो गई April 1, 2017 by डॉ नीलम महेन्द्रा | Leave a Comment हमारी संस्कृति ने हमें शुरु से यह ही सिखाया है कि खुशी त्याग में है,सेवा में है, प्रेम में है मित्रता में है, लेने में नहीं देने में है, किसी रोते हुए को हँसाने में है, किसी भूखे को खाना खिलाने में है । जो खुशी दोस्तों के साथ गली के नुक्कड़ पर खड़े होकर बातें करने में है वो अकेले माल में फर्स्ट डे फर्स्ट शो देखने में भी नहीं है । Read more » Featured Happiness index of india खुशी सुख सुख की खोज में हमारी खुशी