गजल हिंदी गजल July 30, 2019 / July 30, 2019 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment हवा बहुत बदगोई है। रात कलप कर रोई है।। उनने अपने जीवन में, केवल कटुता बोई है। गर तुम हो जर्किन पहने, वह भी ओढ़े लोई है। साला हूं मै भी गर तो, वह मेरा बहनोई है। जब जब आड़ा वक्त पड़ा, यहाँ न मिलता कोई है। हमनें बस उम्मीदें की, उसने इज्जत धोई है। […] Read more » hindi gazal hindi literature wind
गजल हिंदी गजल July 24, 2019 / July 24, 2019 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment अविनाश ब्यौहार नेताजी हो गए अजागर। जनतंत्र है देश का नागर।। उफना रही सरिता अगर है, ढूंढ़ो यहाँ सुरक्षित बागर। तुम सदियों की प्यास बनो तो, मै भी अब हो जाऊँ छागर। जीवन है इक नाव सरीखा, ठौर ठिकाना होता पागर। तन्हा तन्हा इस कस्बे से, चला गया सुख का सौदागर। अविनाश ब्यौहार रायल एस्टेट […] Read more » hindi hindi gazal hindi literature literature
साहित्य मुक्तक का जबाब मुक्तक में July 12, 2019 / July 12, 2019 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment आर के रस्तोगी शौक बड़े ही शौक से निभाया था जिन्दगी को |दिल के अरमान से सजाया था जिन्दगी को ||जाने क्या खता हुई मुझसे ये मालूम नहीं |ख़्वाब में भी हमने न सताया था जिन्दगी को || जबाब काश ! तुमने शौक से निभायी होती जिन्दगी को |आज ये दिन देखना ना पड़ता तुम्हारी […] Read more » form of hindi literature hindi literature muktak poem poetry