विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-53 October 17, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य दासता से मुक्ति का दिया भारत ने विश्व को संदेश भारत ने अपना स्वाधीनता संग्राम उसी दिन से आरंभ कर दिया था जिस दिन से उसकी स्वतंत्रता का अपहत्र्ता पहला विदेशी आक्रांता यहां आया था। इस विषय पर हम अपनी सुप्रसिद्घ पुस्तक श्रंखला ‘भारत के 1235 वर्षीय स्वाधीनता संग्राम का इतिहास’ के […] Read more » Featured India Indias as world leader विश्वगुरू भारत विश्वगुरू भारत
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-52 October 15, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य  दूध को जब तक आप बिना पानी मिलाये बेच रहे हैं, तब तक वह व्यवहार है, पर जब उसमें पानी की मिलावट की जाने लगे और अधिकतम लाभ कमाकर लोगों का जीवन नष्ट करने के लिए बनावटी दूध भी मिलावटी करके बेचा जाने लगे तब वह शुद्घ व्यापार हो जाता है। […] Read more » Featured India India as world leader भारत विश्वगुरू विश्वगुरू के रूप में भारत
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-51 October 15, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य   (16) रैक्ण-वैध या लब्धव्य राशियों में से जो संशयित राशि है, अर्थात जिसकी प्राप्ति की आशा पर संशय है व रैक्ण कही जाती है। (17) द्रविण-उपार्जित राशि में से जो लाभराशि हमारे व्यक्तिगत कार्य के लिए है-उसे द्रविण कहा जाता है। (18) राध:-द्रविण में से जो भाग बचकर अपनी निधि […] Read more » Featured India India as world leader भारत विश्वगुरू विश्वगुरू के रूप में भारत
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-50 October 13, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य आज का अर्थशास्त्र इसे ‘ले और दे’ की व्यवस्था कहता है, पर वेद की व्यवस्था ले और दे (त्रद्ब1द्ग ड्डठ्ठस्र ञ्जड्डद्मद्ग) से आगे सोचती है। वह कहती है कि जिसने आपको जो कुछ दिया है उस देने में उसके भाव का सम्मान करते हुए उसे कृतज्ञतावश उसे लौटा दो। जिससे कि उसके […] Read more » Featured India India as world leader भारत विश्वगुरू विश्वगुरू के रूप में भारत
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-49 October 13, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य  उधर शासन के लोग भी चोरी करते हैं, वहां भी भ्रष्टाचार है। वे भी जनधन को उचित ढंग से प्रयोग नहीं करते और उसे भ्रष्टाचार के माध्यम से अपनी तिजोरियों में भरने का प्रयास करते हैं। ऐसे में करदाता और शासक वर्ग देश में सांप-छछूंदर का खेल खेलता रहता है। करदाता […] Read more » Featured India India as world leader वैदिक संस्कृति
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-48 October 12, 2017 / October 12, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य   इसके पश्चात पुन: गायत्री मंत्र का स्थान वैदिक सन्ध्या में आता है। जिसकी व्याख्या की हम पुन: कोई आवश्यकता नहीं मान रहे हैं। उसके पश्चात अगला मंत्र ‘समर्पण’ का है- हे ईश्वर दयानिधे भवत्कृपयानेन जपोपासनादिकर्मणा धर्मार्थकाममोक्षाणां सद्य: सिद्विर्भवेन्न:। अर्थात-”हे ईश्वर दयानिधे! आपकी कृपा से जो-जो उत्तम-उत्तम काम हम लोग करते […] Read more » Featured India India as world leader भारत विश्वगुरू विश्वगुरू भारत
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-47 October 11, 2017 / October 11, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य  विशाल शत्रु दल से जीत पाना हमारे योद्घाओं के लिए तभी संभव हो पाया था-जब हमने ईश्वरीय शक्ति को अपना सम्बल मान लिया था। हम चोर नहीं थे और ना ही हम कोई अनुचित कार्य कर रहे थे, इसलिए ईश्वर ने भी हमारा साथ दिया और हमसे संसार में विषम परिस्थितियों […] Read more » Featured India India as world leader भारत विश्वगुरू विश्वगुरू भारत
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-46 October 10, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य  जो जन अज्ञानवश हमसे वैर करता है या किसी प्रकार का द्वेष भाव रखता है, और जिससे हम स्वयं किसी प्रकार का वैर या द्वेषभाव रखते हैं-उस वैर भाव को हम आपके न्याय रूपी जबड़े में रखते हैं। जबड़े की यह विशेषता होती है कि जो कुछ उसके नीचे आ जाता […] Read more » कमीशन की राजनीति India India as world leader ईश्वर की न्याय-व्यवस्था भारत भारतीय राज्य व्यवस्था राजा राजा और राजनीति विश्वगुरू
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-45 October 10, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य   इस मंत्र के पश्चात ‘अघमर्षण मंत्र’ आते हैं। इनमें ईश्वर की सृष्टि रचना का चिंतन किया जाता है, अर्थात हम और भी गहराई में उतर जाते हैं। जिस आनंद की अभी तक झलकियां मिल रही थीं, हम उन्हें पकड़ते हैं और कुछ अबूझ पहेलियों के उत्तर खोजने लगते हैं। पहला […] Read more » कमीशन की राजनीति India India as world leader ईश्वर की न्याय-व्यवस्था भारत भारतीय राज्य व्यवस्था राजा राजा और राजनीति विश्वगुरू
समाज पुर्तगाली, डच और अंग्रेज ; भारत के विरूद्ध तीनों एक October 9, 2017 by मनोज ज्वाला | Leave a Comment मनोज ज्वाला पुर्तगाली , डच और अंग्रेज बाहर से देखने-समझने में तो अलग-अलग जातियों के लोग प्रतीत होते हैं ; किन्तु चमडी के रंग से श्वेत और धार्मिक मजहबी ढंग से ईसाई होने के कारण अश्वेत व गैर-ईसाई लोगों-राष्ट्रों के विरूद्ध भीतर से ये सभी एक ही हैं । अंग्रेजों द्वारा लिखित भारतीय इतिहास की […] Read more » Dutch against India Featured India Pourtgals against India अंग्रेज डच पुर्तगाली
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-44 October 9, 2017 / October 10, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य  प्रात:काल की संध्या में अपने इष्ट से मिलन होते ही कितनी ऊंची चीज मांग ली है-भक्त ने। मांगने से पहले उसे सर्वव्यापक और सर्वप्रकाशक जैसे विशेषणों से पुकारा है, जो उसके लिए उचित ही है। पहली भेंट में इतनी बड़ी मांग करना कोई दीनता प्रकट करना नहीं है, अपितु अपनी पात्रका […] Read more » Featured India India as world leader भारत विश्वगुरू विश्वगुरू भारत
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-43 October 7, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य  इस प्रकार मूर साहब को भी अपने परिश्रम में हार का मुंह देखना पड़ गया था। इसके उपरान्त भी भारत में यह बहस बार-बार उछाली जाती है कि आर्य विदेशी थे-इसका अभिप्राय केवल ये है कि भारत को विश्वगुरू के पद पर बैठने से रोकने वाली शक्तियां षडय़ंत्र पूर्वक भारत को […] Read more » Featured India India as world leader भारत विश्वगुरू विश्वगुरू भारत