धर्म-अध्यात्म महात्मा गांधी की दृष्टि में धर्मांतरण October 2, 2010 / December 22, 2011 by समन्वय नंद | 7 Comments on महात्मा गांधी की दृष्टि में धर्मांतरण -समन्वय नंद धर्मांतरण का क्या अर्थ है। क्या यह केवल किसी व्यक्ति उपासना पद्धति बदलने को धर्मांतरण कहते हैं। क्या केवल यह इतना तक सीमित है। अगर ऐसा हो तो इस पर आपत्ति क्यों जताई जाती है। वास्तव में धर्मांतरण का अर्थ उपासना पद्धति बदलने तक सीमित नहीं है। धर्मांतरण से आस्थाएं बदल जाती है, […] Read more » Mahatma Gandhi धर्मांतरण महात्मा गांधी
विविधा गांधी दर्शन से उबने लगी है कांग्रेस August 16, 2010 / December 22, 2011 by लिमटी खरे | 4 Comments on गांधी दर्शन से उबने लगी है कांग्रेस -लिमटी खरे नई दिल्ली 16 अगस्त। समूचा देश मोहन दास करमचंद गांधी को राष्ट्रपिता कहकर ही संबांधित करता है। बापू के सादा जीवन उच्च विचारों के सामने उन ब्रितानी आताताईयों ने भी घुटने टेक दिए थे, जिन्होंने देश पर डेढ़ सौ साल राज किया। उसी बापू के नाम को भुनाकर आधी सदी से ज्यादा देश […] Read more » Mahatma Gandhi खादी महात्मा गांधी
विविधा सत्याग्रह और गांधी जी July 30, 2010 / December 22, 2011 by विजय कुमार | 4 Comments on सत्याग्रह और गांधी जी – विजय कुमार कुछ बातें कुछ लोगों के साथ चिपक जाती हैं, या यों कहें कि जबरन चिपका दी जाती हैं। कुछ ऐसा ही सत्याग्रह और गांधी जी के साथ है। निःसंदेह गांधी जी ने सत्याग्रह रूपी शस्त्र का प्रयोग कर जन-जन में स्वाधीन होने की इच्छा जगाई। लाखों लोग सड़कों पर उतरे। यद्यपि ऐतिहासिक […] Read more » Mahatma Gandhi महात्मा गांधी सत्याग्रह
विविधा महात्मा गांधी का सर्वोदय दर्शन July 3, 2010 / December 23, 2011 by डॉ. मनोज चतुर्वेदी | 2 Comments on महात्मा गांधी का सर्वोदय दर्शन – डॉ. मनोज चतुर्वेदी महात्मा गांधी भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के पितामह थे। यदि उनको अपने समय का अर्थशास्त्री, समाजशास्त्री, दार्शनिक, वैद्य, शिक्षाविद, समाज सुधारक, राजनीतिज्ञ, पत्रकार, लेखक, कानूनविद्, साहित्यकार, सौदर्यशास्त्री, संत, संयासी कहा जाय तो उसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। अर्थात् वे सबकुछ थे। जब हम संपूर्ण गांधी वाङगमय में गांधी के विचारों मे गोता […] Read more » Mahatma Gandhi महात्मा गांधी
विविधा गांधी केवल बहस का मुद्दा न बने February 26, 2010 / December 24, 2011 by शिवानंद द्विवेदी | Leave a Comment भारतीय स्वतंत्रता इतिहास के पन्नो को अगर पलट कर देखा जाय तो महात्मा गाँधी के अलावा शायद ही कोई व्यक्तित्व मिलेगा जो गाँधी के बराबर में विश्व समुदाय को प्रभावित किया हो। अफ्रीका की बात करें या अमेरिका की, गाँधी का प्रभाव सार्थक परिणाम के साथ देखने को मिलता है। चाहे मार्टिन लूथर किंग हों […] Read more » Mahatma Gandhi महात्मा गांधी
विविधा आज भी प्रासंगिक हैं गांधी के विचार February 26, 2010 / December 24, 2011 by पवन कुमार अरविन्द | Leave a Comment भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सत्य और अहिंसा का उद्घोष कर आंदोलन की धार को और पैनी करने वाले महात्मा गांधी किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। उन्होंने स्वतन्त्र भारत के पुनर्निर्माण के लिए रामराज्य का स्वप्न देखा था। वे कहा करते थे कि “नैतिक और सामाजिक उत्थान को ही हमने अहिंसा का नाम दिया […] Read more » Mahatma Gandhi महात्मा गांधी
धर्म-अध्यात्म गांधी जी और हिन्दू होने की परेशानियां February 13, 2010 / December 25, 2011 by पंकज झा | 7 Comments on गांधी जी और हिन्दू होने की परेशानियां समूची दुनिया के वैचारिकता के इतिहास को उठा कर देख लें, या विचारों की श्रेष्ठता को लेकर खून-खराबा के दौर को याद करें तो आपको ताज्जुब होगा कि हिंदुत्व या भारतीय विचारधारा को जितना कठघरे में खड़ा करना का अनावश्यक प्रयास हुआ है, आज तक जितनी अग्नि परीक्षण से इसको गुजरना पड़ा है, उसका कोई […] Read more » Mahatma Gandhi महात्मा गांधी हिंदू
कविता ए. आर. अल्वी की कविता: गांधी की आवाज़ January 29, 2010 / December 25, 2011 by ए. आर. अल्वी | Leave a Comment फिर किसी आवाज़ ने इस बार पुकारा मुझको खौफ़ और दर्द ने क्योंकर यूं झिंझोड़ा मुझको मैं तो सोया हुआ था ख़ाक के उस बिस्तर पर जिस पर हर जिस्म नयीं ज़िन्दगी ले लेता है बस ख़्यालों में नहीं अस्ल में सो लेता है आंख खुलते ही एक मौत का मातम देखा अपने ही शहर […] Read more » Mahatma Gandhi ए. आर. अल्वी कविता गांधी की आवाज़ महात्मा गांधी
राजनीति राजनीति गांधी दर्शन से प्रेरित हो December 22, 2009 / December 25, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment संसद में देश की मौलिक समस्याओं की उपेक्षा हो रही है। पवित्र सदन में असभ्य टिप्पणियां हो रही हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी के विरूध्द अमर्यादित बातें कही गयीं। गांधी जी ने ब्रिटिश तर्ज की संसदीय परम्परा से आगाह किया है। भारत को गांधी की, गांधी दर्शन की, गांधी जी द्वारा स्मरण कराई गई प्राचीन […] Read more » Mahatma Gandhi महात्मा गांधी
हिंद स्वराज गाँधी जी और आज की यांत्रिक सभ्यता – भाग-3 October 28, 2009 / December 26, 2011 by गिरीश पंकज | Leave a Comment गाँधी जी ने सभ्यता के जो रूप बताए है, वे विचारणीय है। संवेदनशील पाठक आत्म-मंथन के लिए विवश होगा और सोचेगा, कि क्या सभ्यता के ये ही नए कँटीले शिखर हैं? गाँधी जी के विचारों का एक लम्बा अंश यहाँ प्रस्तुत करने का मोह संवरण नहीं कर पा रहा हूँ. उन्होंने कहा कि सौ साल […] Read more » Gandhi Girish Pankaj Mahatma Gandhi गाँधी जी गिरीश पंकज महात्मा गाँधी यांत्रिक सभ्यता हिंद स्वराज
हिंद स्वराज गाँधी जी और आज की तथाकथित यांत्रिक सभ्यता – भाग-2 October 27, 2009 / December 26, 2011 by गिरीश पंकज | Leave a Comment गाँधी जी ने इग्लैंड की पार्लियामेंट को ‘बाँझ और वेश्या’ कहा था। बाद सें उन्होंने वेश्या शब्द को विलोपित कर दिया था। लेकिन उनका आरोप सही था। आज भारतीय परिप्रेक्ष्य में भी ये दोनों शब्द अप्रासंगिक नही हैं। हमारी संसद जनहित में अनेक निर्णय तो करती है लेकिन वे कार्यरूप में परिणत नही हो पाते। […] Read more » Gandhi Gandhivadi Mahatma Gandhi गाँधी जी गाँधीवाद गाँधीवादी महात्मा गाँधी यांत्रिक सभ्यता हिंद स्वराज
विविधा 2 अक्टूबर को हम भी गांधी से मिले October 15, 2009 / December 26, 2011 by आरती शर्मा | 8 Comments on 2 अक्टूबर को हम भी गांधी से मिले गांधी को गुजरे दशकों बीत गए लेकिन वे आज भी करोड़ों दिलों में जिंदा हैं। कम से कम उनके जन्मदिन पर राजघाट स्थित उनके समाधि स्थल पर दो फूल चढाने वालों का तो यही मानना है। क्या पूरब, क्या पश्चिम, क्या उत्तर और क्या दक्षिण, देश के सुदूरवर्ती इलाकों से आए हजारों लोगों ने राजघाट […] Read more » Mahatma Gandhi गांधी