महिला-जगत लेख
राष्ट्र के विकास की धरोहर हैं महिलाएं
/ by डॉ शंकर सुवन सिंह
प्रेम का प्रतीक है नारी। धैर्य,त्याग,सर्मपण और लज्जा का दूसरा नाम ही नारी है।नारी सम (अच्छी) परिस्थितियों में कोमल है तो वहीँ विषम परिस्थितियों में शक्तिस्वरूपा भी हैं।नारी सीता,गायत्री,सरस्वती,लक्ष्मी,देवी स्वरूपा है तो वहीँ काली देवी और दुर्गा देवी स्वरूपा भी है। नारीत्व में तन,मन,धन तीनो का समावेश है|राष्ट्र का अभिमान है “नारी”। राष्ट्र की शान […]
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