कविता बच्चों का पन्ना दादाजी की मूँछें July 18, 2023 / July 18, 2023 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment Read more » poem for kids
कविता तितली हूं या परी May 16, 2019 / May 16, 2019 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment ओंठों पर मुस्कान खिली है, आंखों में है जादू। मुझे देखकर खुश कितने हैं, मेरे अम्मा बापू। प्रभूदयाल श्रीवास्तव Read more » poem for children poem for kids तितली हूं या परी
बच्चों का पन्ना कौवा और कोयल September 21, 2013 / September 21, 2013 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment रखे टोकरी सिर पर कोयल, इठलाते इठलाते आई| कौवे के घर की चौखट पर, “सब्जी ले ले” टेर लगाई | कौवा बोला नहीं पता क्या? कितनी ज्यादा है मँहगाई| सब्जी लेने के लायक अब , नहीं रहा है तेरा भाई| ऐसा कहकर कौवेजी ने, आसमान में दौड़ लगाई| फिर नीचे आकर मुन्ना की, […] Read more » poem for kids कौवा और कोयल
बच्चों का पन्ना आम June 14, 2013 / June 14, 2013 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment दोपहर में जब मम्मी सोई, दादी करती थीं आराम| लगा जोर से टेर लगाने, ठेले वाला ले लो आम| उठे दौड़कर चुन्नू आये, छोड़े सभी हाथ के काम| मुन्नू भी चिल्लाकर बोले, ले लो मम्मी ले लो आम| ठेले वाला फिर चिल्लाया, बड़े रसीले मीठे आम| एक बार बस खाकर देखो, मिट जायेंगे कष्ट तमाम| […] Read more » poem for kids आम
बच्चों का पन्ना दहेज December 2, 2012 / December 1, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | 3 Comments on दहेज अपने मम्मी पापा के संग , चुहिया पहुंची थाने| बोली चूहे के घरवाले, हैं दहेज दीवाने| शादी के पहले से ही वे, मांग रहे हैं कार| बंद करो थाने में उनको, चटपट थानेदार| इस पर भालू कॊतवाल ने, चूहे को बुलवाया| थाने में घरवालों के संग, उसको बंद कराया| Read more » poem for kids
बच्चों का पन्ना तुमको सजा मिलेगी December 1, 2012 / December 1, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment टुल्लम टुल्ला गिल्ली डंडा, खेल रहे थे गद्दू| इसी बीच में ठीक सामने, निकल पड़े थे दद्दू|| गिल्ली लगी सामने कसकर, दद्दू का सिर फूटा| डर के मारे गद्दू जी का ,इधर पसीना छूटा|| मार पड़ेगी यही सोचकर, गद्दू घर से भागे| किंतु हाय तकदीर पड़ गये ,दादीजी के आगे|| दादी ने […] Read more » poem for kids
बच्चों का पन्ना बुखार की दवा December 1, 2012 / December 1, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment कुत्ता बोला,बिल्ली दीदी, मुझको चढ़ा बुखार| यदि हो सके संभव तो ,कोई दवा करो तैयार|| बिल्ली बोली ,भौंक भौंक कर, तुम होते बीमारा| बंद रखोगे मुँह तो होगी , बीमारी की हार|| यदि छोड़ दो पीछा करना,तुम निरीह लोगोंका| कुत्ता भाई निश्चित तुम पर ,कभी न ताप चढ़ेगा|| Read more » poem for kids
बच्चों का पन्ना लौटे घर को गंगाराम October 11, 2012 / October 10, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment लौटे घर को गंगाराम एक साथ करके कई काम, लौटे घरको गंगाराम| बैंक गये रुपया निकलाया, राशन कार्ड जमा करवाया| बीमा के आफिस में जाकर, किश्तों का पैसा भरवाया| करके कई ,कई काम तमाम, लौटे घर को गंगाराम| जब भी घर से वे जाते हैं, कई काम करके आते हैं| राशन हल्दी धनिया […] Read more » poem for kids
बच्चों का पन्ना बर्फी की शादी October 10, 2012 / October 10, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment जिस दिन होना थी लड्डू की बर्फीजी से शादी, बर्फी बहुत कुरूप किसी ने झूठी बात उड़ा दी| गुस्से के मारे लड्डूजी जोरों से चिल्लाये| बिना किसी से पूँछतांछ वापस बारात ले आये| लड्डू के दादा रसगुल्ला बर्फी के घर आये| बर्फीजी को देख सामने मन ही मन मुस्काये| बर्फी तो इतनी सुंदर थी जैसे […] Read more » poem for kids
बच्चों का पन्ना कल आना है फिर संडे October 10, 2012 / October 10, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment छ:दिन बीते किसी तरह से ,कल आना है फिर संडे| खेल खेल के नये तरीके,और सीखेंगे नये फंडे| सुबह देर तक सोऊंगा मैं,कोई मुझे जगाना मत| उठ जाने के बाद कोई भी ,घर का काम कराना मत| और नाश्ते में खाऊंगा,गरम गरम आलू बंडे| मित्रों के संग चेयर रेस हम ,मज़े मज़े से […] Read more » poem for kids
बच्चों का पन्ना कुशल वैद्य होते हैं बच्चे October 9, 2012 / October 9, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment चित्त उदास और मन चंचल, हो तो यह कर डालें| चलकर किन्हीं सड़क गलियों में, बच्चा गोद गोद उठा लें| बच्चे को गुदगुदी लगाकर, उसको खूब हँसा लें| वह लग जाये ठिल ठिल करने, तो खुद भी मुस्करा लें| खुशियों के उन, मुक्त पलों को, आंखों में बैठा लें| कुशल वैद्य होते हैं […] Read more » poem for kids
बच्चों का पन्ना चुहिया रानी October 9, 2012 / October 9, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment बिल से निकली चुहिया रानी, लगी चाल चलने मस्तानी| बोली मैं हूँ घर की मुखिया, दुनिया है मेरी दीवानी| मेरी मर्जी से ही मिलता, सबको घर का राशन पानी| मुझसे आकर कोई न उलझे, पहलवान है मेरी नानी| तभी अचानक खिड़की में से, आ धमकी बिल्ली महारानी| डर के मारे बिल में घुस गई< वीर […] Read more » poem for kids