कविता जनसंख्या July 23, 2021 / July 23, 2021 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment बढ़ेगी जब जनसंख्या, अच्छे दिन कैसे आयेंगे।होगे जब दस दस बच्चे,फिर बुरे दिन तो आयेंगे।। बढ़ रही जनसंख्या कैसे नियंत्रण कर पाओगे।हुआ न नियंत्रण,देश का विकास न कर पाओगे।। पड़ी है बेड़ियां जनसंख्या की भारत मां के पैरो में।चलता रहा देश ऐसा,रोड़ी चुभेगी मां के पैरो मे।। बढ़ेगी जनसंख्या देश की,ये विकास रुक जाएगा।रोकी नहीं […] Read more » Population जनसंख्या
विविधा हाशिए पर है जनसंख्या कम करने का फलसफा July 10, 2010 / December 23, 2011 by सतीश सिंह | 3 Comments on हाशिए पर है जनसंख्या कम करने का फलसफा -सतीश सिंह हमारे देश में हर खास दिन को दिवस के रुप में मनाया जाता है। जनसंख्या दिवस उन्हीं दिवसों में से एक है। जो हर साल सन् 1987 से 11 जुलाई को मनाया जा रहा है। दरअसल 11 जुलाई 1987 में ही विष्व की जनसंख्या 5 बिलियन हुई थी, पर हकीकत में इस दिवस […] Read more » Population जनसंख्या
विविधा जनसंख्या रजिस्टर में बंग्लादेशी घुसपैठ – गम्भीर खतरे को आमन्त्रण June 8, 2010 / December 23, 2011 by विनोद बंसल | 2 Comments on जनसंख्या रजिस्टर में बंग्लादेशी घुसपैठ – गम्भीर खतरे को आमन्त्रण – विनोद बंसल एक अप्रैल से प्रारम्भ हुई भारतीय जनगणना विश्व के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगी। केन्द्रीय गृहमंत्री श्री पी. चिदम्बरम के अनुसार जनगणना कर प्रत्येक नागरिक को पहचान पत्र दिया जाने का काम इतने व्यापक पैमाने पर विश्व के इतिहास में कभी नहीं हुआ। वास्तव में, भरी जा रही जानकारी […] Read more » Population जनसंख्या रजिस्टर बंग्लादेशी घुसपैठ
विविधा हमारी जनसांख्यिकी में छिपा है महाशक्ति होने का रहस्य – डॉ नरेंद्र जाधव March 23, 2010 / December 24, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment दुनिया का राजनीतिक चौधरी और ग्लोबल विलेज के महाजन की भूमिका निभाने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका में आए मंदी के तूफान ने जहां वैश्विक आर्थिक नीतियों का खोखलापन जगजाहिर कर दिया, वहीं दुनिया को वित्तीय प्रबंधन का पाठ पढ़ाने वाले अमेरिकी संस्थानों के वित्तीय अनुशासन की भी पोल खोल कर रख दी है। वित्तीय अनुशासन […] Read more » Population जनसांख्यिकी
समाज आधी आबादी का कड़वा सच July 27, 2009 / December 27, 2011 by जयराम 'विप्लव' | 2 Comments on आधी आबादी का कड़वा सच एक जमाना हुआ करता था जब शिक्षा केवल लड़कों के लिए थी । विद्यालय जाना तो दूर घर की दहलीज के भीतर ही घुट-घुट कर जीना ही लड़कियों की नियति बन कर रह गई थी । Read more » Population आबादी