लेख एकात्म मानववाद के प्रणेता पं0 दीनदयाल उपाध्याय October 1, 2011 / December 6, 2011 by बृजनन्दन यादव | 2 Comments on एकात्म मानववाद के प्रणेता पं0 दीनदयाल उपाध्याय बृजनन्दन यादव वे एक ऐसे राजनेता थे जिन्हें सत्ता में कोर्इ आकर्षण नहीं था। फिर भी अपने अनुयायियों के दिलों पर राज करते थे। वे राजनीति को राष्ट्रसेवा का अंग मानते थे। पंडित दीनदयाल जी का जन्म 25 सितम्बर 1916 को मथुरा के निकट नगला चन्द्रभान नामक गांव में एक साधारण परिवार में हुआ था। […] Read more » pt. deendayal upadyay एकात्म मानववाद के प्रणेता पं0 दीनदयाल उपाध्याय
प्रवक्ता न्यूज़ देश की आत्मा ही उसकी मूल संस्कृति है September 25, 2011 / December 6, 2011 by अशोक बजाज | Leave a Comment पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती 25 सितम्बर पर विशेष अशोक बजाज पं.दीनदयाल उपाध्याय एक महान राष्ट्र चिन्तक एवं एकात्ममानव दर्शन के प्रणेता थे. उन्होनें मानव के शरीर को आधार बना कर राष्ट्र के समग्र विकास की परिकल्पना की. उन्होनें कहा कि मानव के चार प्रत्यय है पहला मानव का शरीर , दूसरा मानव का मन […] Read more » pt. deendayal upadyay पं.दीनदयाल उपाध्याय
विविधा आदर्श पत्रकार पं. दीनदयाल उपाध्याय September 25, 2010 / December 22, 2011 by पवन कुमार अरविन्द | 2 Comments on आदर्श पत्रकार पं. दीनदयाल उपाध्याय -पवन कुमार अरविंद यूं तो इस धरा पर ईश्वर अनेक विभूतियों को जन्म देता है, सृजन करता है। इनमें प्रत्येक को कोई न कोई विशिष्ट गुण अवश्य प्रदान करता है, पर; कुछ ऐसे विभूति सम्पन्न व्यक्ति भी जन्म लेते हैं जिनकी प्रतिभा बहु-आयामी होती है। यदि उन्हें विकसित होने का अवसर मिले तो वे महान […] Read more » pt. deendayal upadyay पं. दीनदयाल उपाध्याय
विविधा एकात्ममानव दर्शन के प्रणेता- पंडित दीनदयाल उपाध्याय September 25, 2010 / December 22, 2011 by समन्वय नंद | 4 Comments on एकात्ममानव दर्शन के प्रणेता- पंडित दीनदयाल उपाध्याय -समन्वय नंद जनसंघ के पूर्व अध्यक्ष पं. दीनदयाल उपाध्याय का स्थान भारतीय चिंतन परंपरा में काफी महत्वपूर्ण है। भारतीय चिंतन परंपरा में उनकी महत्ता इसलिए है कि उन्होंने पश्चिम के खंडित दर्शन के स्थान पर भारतीय जीवन पध्दति में समाहित एकात्म मानववाद के दर्शन को आधुनिक संदर्भ में प्रस्तुत किया है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की […] Read more » pt. deendayal upadyay पं. दीनदयाल उपाध्याय
विविधा पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती (२५ सित.) पर विशेष September 25, 2010 / December 22, 2011 by अशोक बजाज | Leave a Comment अजातशत्रु दीनदयालजी -अशोक बजाज पं. दीनदयाल उपाध्याय ने व्यक्ति व समाज ” “स्वदेश व स्वधर्म ” तथा परम्परा व संस्कृति ” जैसे गूढ़ विषय का अध्ययन , चिंतन व मनन कर उसे एक दर्शन के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होने देश की राजनैतिक व्यवस्था व अर्थतंत्र का भी गहन अध्ययन कर शुक्र , वृहस्पति , […] Read more » pt. deendayal upadyay पं.दीनदयाल उपाध्याय
आर्थिकी सांगोपांग समाज जीवन की शर्त है अन्त्योदय March 6, 2010 / December 24, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on सांगोपांग समाज जीवन की शर्त है अन्त्योदय 19वीं सदी के अदभुत विचारक थे जॉन रस्किन। इनकी पुस्तक अन टू दी लास्ट पढ़ने के बाद महात्मा गांधी ने कहा कि अब मैं वह नहीं रह गया हूँ, जो मैं इस पुस्तक को पढ़ने के पहले था। इसी पुस्तक के शीर्षक का अनुवाद महात्मा जी ने किया अन्त्योदय। अन्त्योदय विचार को ही अंतत: महात्मा […] Read more » pt. deendayal upadyay अंत्योदय अन्त्योदय पं.दीनदयाल उपाध्याय