व्यंग्य स्वदेशी स्वाभिमानी का निर्मल बयान December 17, 2011 / December 17, 2011 by पंडित सुरेश नीरव | 1 Comment on स्वदेशी स्वाभिमानी का निर्मल बयान पंडित सुरेश नीरव पश्चिमी सभ्यता ने उजाड़कर रख दिया है हमारी संस्कृति को। कोई पार्टी,कोई जश्न बिना शराब के होता ही नहीं है। लगता है पहले तो कोई तीज-त्योहार मनते ही नहीं होंगे। सालों-साल ड्राई डे ही ड्राई डे रहा करते होंगे। गांधीजी ने अंग्रेजों से कहा कि भारत छोड़ो। उन्होंने भी बापू की रिसपेक्ट […] Read more » Satire स्वदेशी स्वाभिमानी
व्यंग्य हास्य-व्यंग्य : टोपी बहादुर – पंडित सुरेश नीरव September 24, 2011 / December 6, 2011 by पंडित सुरेश नीरव | 1 Comment on हास्य-व्यंग्य : टोपी बहादुर – पंडित सुरेश नीरव जिन्हें टोपी पहनने का शौक होता है वो टोपी नहीं पहना करते। टोपी पहनानेवाले ऐसे सूरमा अच्छे-अच्छों को टोपी पहना दिया करते हैं। देखिए न अपने गांधीजी ने कभी भूल से भी टोपी नहीं पहनी मगर एक-दो को नहीं पूरे देश को उन्होंने टोपी पहना दी। और उस पर भी जलवा ये कि टोपी कहलाई […] Read more » Hat Man Pandit Suresh Nirav Satire टोपी बहादुर पंडित सुरेश नीरव हास्य-व्यंग्य
व्यंग्य अब आगे देखेंगे हम लोग : व्यंग्य – अशोक गौतम November 9, 2009 / December 25, 2011 by अशोक गौतम | Leave a Comment धुन के पक्के विक्रमार्क से जब रामदीन की पत्नी की दशा न देखी गई तो उसने महीना पहले घर से बाजार आटा दाल लेने गए रामदीन को ढूंढ घर वापस लाने की ठानी। रामदीन की पत्नी का विक्रमार्क से रोना नहीं देखा गया तो नहीं देखा गया। ये कैसी व्यवस्था है भाई साहब कि जो […] Read more » Ashok Gautam Satire अशोक गौतम व्यंग्य
प्रवक्ता न्यूज़ व्यंग्य/गधा न होने का मलाल!! April 8, 2009 / December 25, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on व्यंग्य/गधा न होने का मलाल!! इसे संयोग ही कहिए कि इधर पिछड़े इलाके के बाशिंदे कुम्हार गंगे का एकमात्र गधा गुजरा और उधर देश में लोक सभा के आम चुनाव सिर पर आए। गंगे कुम्हार को गधे के जाने का इतना दु:ख नहीं था... Read more » Satire गधा न होने का मलाल व्यंग्य