मीडिया मुर्दों से माफी मांगने में कैसी शर्म/मनोहर पुरी July 18, 2012 / July 18, 2012 by मनोहर पुरी | 1 Comment on मुर्दों से माफी मांगने में कैसी शर्म/मनोहर पुरी आमिर भार्इ! सत्यमेव जयते के लिए आपको अपने किये पर पूरी तरह से शर्मिन्दा होना ही चाहिए। जो सत्यमेव जयते बोलेगा उसे तो एक न एक दिन लजिजत होना ही पड़ता है। आखिर क्या सोच कर आपने नंगों को उनकी नंगार्इ दिखाने का साहस किया। आप जानते ही हैं कि हमारी सभ्यता और संस्कृति इस […] Read more » aamir klhan show satyamev jayate satyamev jayate सत्यमेव जयते
मीडिया समाज सत्यमेव जयते May 25, 2012 / May 25, 2012 by वीरेन्द्र जैन | 5 Comments on सत्यमेव जयते वीरेन्द्र जैन सत्यमेव जयते सम्वेदनात्मक ज्ञान की भेदक क्षमता और मीडिया के सदुपयोग का उदाहरण जयप्रकाश आन्दोलन और इमरजैंसी के दौरान अपनी गज़लों के माध्यम से पूरे समाज को झकझोर देने वाले शायर दुष्यंत कुमार का एक शे’र है- वे मुतमईन हैं पत्थर पिघल नहीं सकता मैं बेकरार हूं आवाज़ में असर के लिए […] Read more » aamir klhan show satyamev jayate increasing popularity of satyamev jayate satyamev jayate सत्यमेव जयते