कविता शख्सियत साहित्य शमशेर की कविता December 24, 2016 / December 24, 2016 by पिन्टू कुमार मीणा | Leave a Comment पिन्टू कुमार मीणा शमशेर बहादुर सिंह दूसरे सप्तक के कवि है । इनके 1956 और 1961 में दो काव्य संग्रह प्रकाशित हुए- ‘कुछ कविताएँ’ और ‘कुछ और कविताएँ’ । शमशेर आधुनिक दौर के सबसे जटिल कवि माने जाते हैं । इसका कारण कविता को समझने की पाठक / आलोचक की वह पारंपरिक धारणा रही है […] Read more » Featured Shamsher Bahadur Singh शमशेर बहादुर सिंह
साहित्य शमशेर बहादुर सिंह की जन्मशती पर विशेष June 11, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment अनकहे सत्य का कवि शमशेर -विजया सिंह कला विषेशकर कविता की कला कलाकार को, कवि को नितांत व्यक्तिगत, निजी मानवीय स्थितियों और संवेगों से परिचित कराती है। फिर भी कविता एकालाप नहीं अत्यंत अंतरंग किन्तु सक्रिय संवाद है। शमशेर का निजी उन्हें एकाकी नहीं बनाता। कविता के निजी पलों में कवि के साथ सम्पूर्ण संसार […] Read more » Shamsher Bahadur Singh शमशेर बहादुर सिंह
साहित्य अतृप्ति का विवेक : शमशेर May 11, 2010 / December 23, 2011 by अरुण माहेश्वरी | Leave a Comment -अरुण माहेश्वरी जन्मशताब्दी के मौके पर शमशेर बहादुर सिंह का स्मरण आदमी की अंतहीन दबी हुई इच्छाओं के एक पावन खजाने के स्मरण जैसा है। ‘चुका भी हूं मैं नहीं, कहां किया मैंने प्रेम अभी’ की अतृप्ति का रचनाकार, ‘आज निरीह कल फतहयाब निश्चित’ के आत्म–विश्वास से परिपूर्ण मानवता के भविष्य पर अटूट आस्था वाला […] Read more » Shamsher Bahadur Singh शमशेर बहादुर सिंह