समाज कोई साथ, कोई दूर ! March 7, 2011 / December 15, 2011 by संजय सक्सेना | 2 Comments on कोई साथ, कोई दूर ! ‘एक अच्छा इंसान ही एक अच्छा नेता बन सकता है।’ यह एक सोच है। इस सोच को आसानी से झुठलाया नहीं कहा जा सकता। हिन्दुस्तान की राजनीति का इतिहास उठा कर देखा जाए तो इसकी बानगी सहज ही देखने को मिल जाएंगी।देश में कई ऐसा नेता और महापुरूष हुए जिन्होंने अपनी विचारधारा से कभी समझौता […] Read more » social
समाज मानव मात्र को बांटने की नायाब कोशिश March 4, 2011 / December 15, 2011 by इफ्तेख़ार अहमद | Leave a Comment मो. इफ्तेख़ार अहमद, यूरोपियन अब तक अपने आपको दुनिया के सबसे स्मार्ट, सभ्य और दुनियाभर को सभ्य बनाने का ठेकेदार मानते रहे हैं। इनके इस सिध्दांत को दुनियाभर से चुनौती मिली। 21वीं सदी में एशिया के उभार ने तो इसे पूरी तरह ख्वारिज कर दिया। अब ये जग जाहिर हो चुका है कि 21वीं सदी […] Read more » social सामाजिक
प्रवक्ता न्यूज़ दो बातें कचोटती हैं September 1, 2009 / December 26, 2011 by अनिका अरोड़ा | Leave a Comment पहली बात यह कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के बालकृष्णन ने कहा कि जनभावनाओं के मद्देनजर हमने निर्णय किया कि अपनी संपत्ति जनता के लिए सार्वजनिक करेंगे। शायद आज-कल में सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर यह जानकारी उपलब्ध करा दी जाएगी। दूसरी बात यह कि दिल्ली के सिविल जज राजकुमार अग्रवाल और उनके दो […] Read more » social Talks समाज
समाज ढलान से उतरते हुए June 1, 2009 / December 27, 2011 by ब्रजेश कुमार झा | Leave a Comment मौसम के लिहाज से यह समय श्रीनगर जाने और ठाठ से बीसेक दिन रहने का है। पर भारी मन से ही सही, मुझे वहां से लौटे कुछ दिन बीत गए। दौरा चुनावी था और उसके अपने कायदे थे। खैर! कश्मीर वादी से लौटने के बाद अब कुछ रीता सा अनुभव हो रहा है। सोचता हूं- […] Read more » social