विविधा आज की आवश्यकता है एकात्म मानवदर्शन October 27, 2016 / October 27, 2016 by लोकेन्द्र सिंह राजपूत | Leave a Comment जिस समय न केवल दुनिया में बल्कि भारत में भी इन विचारधाराओं का वर्चस्व था, खासकर साम्यवादी विचारधारा का, तब संघ के द्वितीय संघचालक माधव सदाशिव राव गोलवलकर ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय को यह जिम्मेदारी सौंपी थी कि वह प्रकृति के अनुकूल विचारदर्शन प्रस्तुत करें। इसके बाद ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने एकात्म मानवदर्शन जैसा सम्पूर्ण विचारदर्शन दुनिया के समक्ष प्रस्तुत किया। एकात्म मानवदर्शन में परस्पर निर्भरता की बात कही गई। सबको एक-दूसरे के साथ एकात्म मानकर विचार किया गया। Read more » Featured एकात्म मानवदर्शन
विविधा शख्सियत मानवता के कल्याण का विचार है एकात्म मानवदर्शन September 24, 2015 by डॉ. सौरभ मालवीय | Leave a Comment जन्मशती वर्ष पर विशेष (जयंती 25 सितंबर) दीनदयाल उपाध्याय मनुष्य विचारों का पुंज होता है और सर्व प्रथम मनुष्य के चित्त में विचार ही उभरता है। वही विचार घनीभूत होकर संस्कार बनते है और मनुष्य के कर्म रूप में परिणीति हो कर व्यष्टि और समष्टि सबके हित का कारक बनते है। यदि विचारों की […] Read more » Featured एकात्म मानवदर्शन दीनदयाल उपाध्याय मानवता के कल्याण का विचार है एकात्म मानवदर्शन
मीडिया विविधा आइए बनाएं एकात्म मानवदर्शन पर आधारित मीडिया September 24, 2015 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment जन्मशती वर्ष प्रसंग ( जयंती 25 सितंबर ) संजय द्विवेदी पं. दीनदयाल उपाध्याय स्वयं बहुत बड़े पत्रकार और संचारक थे। अपनी विचारधारा को पुष्ट करने के लिए पत्रों का संपादन, प्रकाशन, स्तंभलेखन, पुस्तक लेखन उनकी रूचि का विषय था। उन्होंने लिखने के साथ-साथ बोलकर भी एक प्रभावी संचारक की भूमिका का निर्वहन किया है। उनकी […] Read more » Featured आइए बनाएं एकात्म मानवदर्शन पर आधारित मीडिया एकात्म मानवदर्शन एकात्म मानवदर्शन पर आधारित मीडिया मीडिया