शख्सियत समाज कबीर वर्तमान परिप्रेक्ष्य में June 19, 2016 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment संदर्भ: 20 जून, कबीर जयंती – बुरा मैं जो देखन मैं चला, बुरा न मिलया कोय जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय ll कबीर के वृहद, विशाल रचना संसार की मात्र इन दो पक्तियों से ही कबीर कीवर्तमान परिप्रेक्ष्य में सर्वस्वीकार्यता सिद्ध हो जाती है. आज के इस दौर में जबकि प्रत्येक व्यक्ति […] Read more » Featured Kabir Jayanti कबीर जयंती कबीर वर्तमान परिप्रेक्ष्य में
शख्सियत समाज कबीर वर्तमान परिप्रेक्ष्य में May 21, 2016 / May 21, 2016 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment संदर्भ: आज कबीर जयंती बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलया कोय जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय ll कबीर के वृहद, विशाल रचना संसार की मात्र इन दो पक्तियों से ही कबीर की वर्तमान परिप्रेक्ष्य में सर्वस्वीकार्यता सिद्ध हो जाती है. आज के इस दौर में जबकि प्रत्येक व्यक्ति पराये […] Read more » Featured Kabir Jayanti कबीर जयंती कबीर वर्तमान परिप्रेक्ष्य में