धर्म-अध्यात्म “मनुष्य का मानव और दानव बनना उसके अपने हाथों में हैं” November 3, 2018 / November 3, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, ससार में हम अनेक प्राणियों को देखते हैं। दो पैर और दो हाथ वाला प्राणी जो भूमि पर सीधा खड़ा होकर व सिर ऊंचा उठाकर चलता है, जिसके पास बुद्धि है और जो सोच विचार कर अपने काम करता है, उसे मनुष्य कहते हैं। मनुष्य की विशेषता यह है कि उसके पास […] Read more » “मनुष्य का मानव और दानव बनना उसके अपने हाथों में हैं” अग्निहोत्र अनुचित ऋषि दयानन्द कर्तव्य-अकर्तव्य चिन्तन ध्यान मनन माता पिता स्वाध्याय
धर्म-अध्यात्म “सृष्टि को बनाने व पालन करने वाला ईश्वर कैसा है?” September 19, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, हम इस संसार में उत्पन्न हुए और जीवन व्यतीत कर रहे हैं। जन्म के समय हमने जब पहली बार आंखे खोली तो हमें अपनी माता, कुछ अन्य लोग व पिता के दर्शन हुए थे। तब हम कुछ जानते व समझते नहीं थे। कुछ समय बाद जब हमें घर से बाहर लाया गया […] Read more » चिन्तन-मनन ध्यान यज्ञ सन्ध्योपासना स्वाध्याय
धर्म-अध्यात्म ईश्वर से स्वराज्य अर्थात् मोक्ष सुख की प्रार्थना August 25, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment स्वाध्याय, चिन्तन, जप, तप व ध्यान से मोक्ष की ओर प्रस्थान– मनमोहन कुमार आर्य अथर्ववेद का 10/7/31 मन्त्र है जिसमें स्वराज्य अर्थात् मोक्ष सुख की ईश्वर से प्रार्थना की गई है।। यह मन्त्र प्रस्तुत हैः “नाम नाम्ना जोहवीति पुरा सूर्यात् पुरोषसः। यदजः प्रथमं सम्बभूव स ह तत्स्वराज्यमियाय यस्मान्न परमन्यदस्ति भूतम्।।” मन्त्र के पदार्थ पर […] Read more » ईश्वर चिन्तन जप तप ध्यान मोक्ष सुख की प्रार्थना स्वराज्य स्वाध्याय