समाज परपीड़क पुरुष समाज और नारीवादी विमर्श June 13, 2017 by राजू पाण्डेय | Leave a Comment अमेज़न का यह प्रोडक्ट गहरे दार्शनिक प्रश्नों को छेड़ता है- क्या नारी की मुक्ति जेंडर इक्वलिटी में निहित है? क्या नर और नारी एक समान का नारा सही है? क्या यूनिसेक्स वस्त्र पहनकर, न्यूडिस्ट क्लब ज्वाइन कर अनेक पुरुषों को अपनी मर्जी के अनुसार सेक्स करने के हेतु बाध्य कर नारी अपनी मुक्ति पा सकती है? क्या यह पुरुषवादी पितृसत्तात्मक समाज द्वारा फैलाया गया भ्रम है कि नारी शारीरिक रूप से पुरुष से कमजोर होती है, Read more » Featured नारीवादी नारीवादी विमर्श परपीड़क पुरुष समाज