राजनीति प्रजातंत्र के अंधकार युग के प्रतिबिंब और ईमानदारी के मुखौटा हैं मनमोहन सिंह December 14, 2017 by डॉ. मनीष कुमार | Leave a Comment इस देश में महान बनाने की एक फैक्ट्री है. दरअसल, ये फैक्ट्री नहीं एक गैंग है जो महानता के सर्टिफिकेट देती है. इसी फैक्ट्री में ये तय होता है कि कौन महान है और कौन नीच? एक भी चुनाव न जीतने वाले को महान नेता.. हजारों लोगों को मौत के घाट उतारने वाले को उदारवादी […] Read more » Featured Manmohan Singh Manmohan Singh silence अंधकार युग ईमानदारी के मुखौटा हैं मनमोहन सिंह प्रजातंत्र प्रजातंत्र के अंधकार युग के प्रतिबिंब मनमोहन सिंह
राजनीति कश्मीर समस्या, प्रजातंत्र, जिहाद और नेहरू | April 23, 2017 by हरिहर शर्मा | Leave a Comment उसके बाद जमात-ए-इस्लामी के विभिन्न धड़ों ने एकजुट होकर यूनाइटेड मुस्लिम फ्रंट बनाकर 1987 के चुनाव में भागीदारी की | आम मान्यता है कि 1987 के चुनाव कश्मीर के चुनावी इतिहास के सबसे काले चुनाव थे. बड़े पैमाने पर हस्तक्षेप किया गया और नेशनल कॉन्फ्रेंस को 40 तथा कांग्रेस को 26 सीटें मिलीं जबकि मुस्लिम यूनाइटेड फ्रंट को केवल 4 | भारी पैमाने पर प्रशासनिक मशीनरी का दुरुपयोग कर मतदान प्रतिशत 75 तक पहुंचा दिया गया, इस बात को बाद में स्वयं फारूख अब्दुल्ला ने भी एक टीवी इंटरव्यू में स्वीकार किया | और उसके बाद शुरू हुआ 1990 का हिंसक दौर, जिसमें कश्मीर घाटी हिन्दू विहीन बना दी गई | हिंसा का दौर तो अब खत्म हो गया है और एक नया दौर शुरू हुआ है, जिसमें कश्मीर के नौजवान लड़ रहे हैं इस्लाम के नाम पर। Read more » Featured कश्मीर समस्या जिहाद नेहरू प्रजातंत्र
राजनीति प्रजातंत्र से प्रशस्त होता विकास का मार्ग June 20, 2014 by कन्हैया झा | Leave a Comment -कन्हैया झा- हमारी बातचीत का विषय प्रजातंत्र है. प्रजातंत्र आज की डेमोक्रेसी नहीं है; यह उससे अलग है. पांच वर्ष में एक बार वोट देकर हम शासकों को चुनते हैं, जो संविधान द्वारा प्रतिपादित एक तंत्र अथवा शासनतंत्र के तहत काम करते हैं. प्रजातंत्र शासनतंत्र से अलग है. देखा जाय तो आज प्रजा में कोई […] Read more » प्रजातंत्र लोकतंत्र विकास का मार्ग