राजनीति मार्क्सवाद में ‘इन्हैरंट डिफेक्ट’ है, इसके लिए अभिमन्यु की जरूरत ही नहीं है / धनाकर ठाकुर June 4, 2012 / June 28, 2012 by डॉ. धनाकर ठाकुर | 2 Comments on मार्क्सवाद में ‘इन्हैरंट डिफेक्ट’ है, इसके लिए अभिमन्यु की जरूरत ही नहीं है / धनाकर ठाकुर गोष्ठी में यह जानते हुए भी कि कवि-पत्रकार मंगलेश डबराल घोषित वामपंथी हैं, अध्यक्षता का आमन्त्रण देना सोचनीय था वैसे विषय “समांतर सिनेमा का सामाजिक प्रभाव” सामाजिक था. प्रतिष्ठान भी क्या प्रगतिशीलता का प्रमाणपत्र चाहता है? उन्होंने प्रतिष्ठान में अपनी उपस्थिति को ‘चूक’ बताया तो इसमें अचरज की बात नहीं हुई. वामपंथ से जुड़ी बौद्धिकधारा […] Read more » भारत नीति प्रतिष्ठान मार्क्सवाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ वैचारिक अश्पृश्यता
राजनीति ओम थानवी के नाम खुला पत्र / प्रेम जनमेजय June 4, 2012 / June 28, 2012 by प्रेम जनमेजय | 1 Comment on ओम थानवी के नाम खुला पत्र / प्रेम जनमेजय प्रिय भाई यह पत्र ‘ताकि कुछ गर्द हट’ के संदर्भ में लिख रहा हूं। आप तो जानते ही हो कि साहित्य में धूल भरी आंधियों का मौसम सदा से रहा है, आप कितना भी बुहार लें गर्द हटकर फिर अपने अस्तित्व के साथ उपस्थित हो जाती है। कह सकते हैं कि गर्द का स्थानांतरण होता […] Read more » ओम थानवी भारत नीति प्रतिष्ठान वैचारिक अश्पृश्यता
विविधा वैचारिक जड़ता लाती ही कुंठा May 30, 2012 / May 31, 2012 by तेजवानी गिरधर | Leave a Comment राजस्थान के दैनिक समाचार पत्र राजस्थान पत्रिका में एडिटोरियल पेज के हैडर पर वाल्तेयर की उक्ति आती है कि हो सकता है में आपके विचारों से सहमत न हो पाऊं फिर भी विचार प्रकट करने के आपके अधिकारों की रक्षा करूंगा। असल में यह उक्ति स्वस्थ लोकतंत्र की निशानी को यह प्रतिबिंबत करती है। यह […] Read more » भारत नीति प्रतिष्ठान