Tag: महात्मा हंसराज

धर्म-अध्यात्म

“आर्यसमाज का मुख्य उद्देश्य सत्य ज्ञान वेद का प्रचार कर असत्य एवं अज्ञान को दूर करना”

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मनमोहन कुमार आर्य,  आर्यसमाज एक धार्मिक, सामाजिक, राष्ट्रीय, देश-समाज का रक्षक, अन्धविश्वासों से मुक्त तथा अन्धविश्वासों व सामाजिक कुरीतियों को दूर करने वाला विश्व के इतिहास में अपूर्व संगठन है। विचार करने पर निष्कर्ष निकलता है कि आर्यसमाज का मुख्य उद्देश्य अविद्या का नाश तथा विद्या की वृद्धि करना है। विद्या किसे कहते हैं और […]

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धर्म-अध्यात्म

“विद्यायुक्त सत्य वैदिक धर्म की उन्नति में बाधायें”

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–मनमोहन कुमार आर्य,  वैदिक धर्म संसार का सबसे प्राचीनतम एवं ज्ञान विज्ञान से युक्त प्राणी मात्र का हितकारी धर्म है। यही एक मात्र धर्म है जो मनुष्यों को श्रेष्ठ गुण, कर्म व स्वभाव को धारण करने की प्रेरणा करता है। वैदिक धर्म से इतर हिन्दू, जैन, बौद्ध, ईसाई, मुस्लिम आदि मत-मतान्तर हैं। धर्म श्रेष्ठ गुण–कर्म–स्वभाव […]

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