लेख शख्सियत साक्षात्कार देश, धर्म और संस्कृति को समर्पित जीवनदानी महात्मा हंसराज April 20, 2022 / April 20, 2022 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment महात्मा हंसराज की 158वी जयन्ती 19 अप्रैल पर--मनमोहन कुमार आर्यलगभग 5,100 वर्ष पूर्व महाभारत युद्ध की समाप्ति से देश का पतन आरम्भ हुआ व लगातार चलता रहा। इस प्रकार चलते चलते उन्नीसवीं शताब्दी का सन् 1825 आ गया जब गुजरात प्रदेश के मोरवी राज्य के टंकारा नामक ग्राम में पं. करषन जी तिवारी के यहां […] Read more » महात्मा हंसराज
शख्सियत समाज “महात्मा हंसराज जी का प्ररेणादायक, आदर्श एवं महनीय जीवन” April 24, 2019 / April 24, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, महर्षि दयानन्द सरस्वती, वैदिक धर्म वा आर्यसमाज की विचारधारा को आदर्श मानकर जिस व्यक्ति ने अपना जीवन देश व समाज से अज्ञान, अशिक्षा व अविद्या को दूर करने में समर्पित किया उसे हम महात्मा हंसराज जी के नाम से जानते हैं। जो मनुष्य अपने जीवन में धन-सम्पत्ति एवं अपनी सुख-सुविधाओं का […] Read more » mahatma hansraj the great life of Mahatma Hansraj महात्मा हंसराज
धर्म-अध्यात्म “आर्यसमाज का मुख्य उद्देश्य सत्य ज्ञान वेद का प्रचार कर असत्य एवं अज्ञान को दूर करना” October 25, 2018 / October 25, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, आर्यसमाज एक धार्मिक, सामाजिक, राष्ट्रीय, देश-समाज का रक्षक, अन्धविश्वासों से मुक्त तथा अन्धविश्वासों व सामाजिक कुरीतियों को दूर करने वाला विश्व के इतिहास में अपूर्व संगठन है। विचार करने पर निष्कर्ष निकलता है कि आर्यसमाज का मुख्य उद्देश्य अविद्या का नाश तथा विद्या की वृद्धि करना है। विद्या किसे कहते हैं और […] Read more » आचार्य डा. रामनाथ वेदालंकार पं. कालूराम जी पं. गंगा प्रसाद उपाध्याय पं. गणपति शर्मा पं. गुरुदत्त विद्यार्थी पं. बुद्धदेव मीरपुरी पं. लेखराम पं. शिवशंकर शर्मा महात्मा हंसराज स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती स्वामी विद्यानन्द सरस्वती स्वामी वेदानन्द तीर्थ स्वामी श्रद्धानन्द
धर्म-अध्यात्म “विद्यायुक्त सत्य वैदिक धर्म की उन्नति में बाधायें” August 4, 2018 / August 4, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, वैदिक धर्म संसार का सबसे प्राचीनतम एवं ज्ञान विज्ञान से युक्त प्राणी मात्र का हितकारी धर्म है। यही एक मात्र धर्म है जो मनुष्यों को श्रेष्ठ गुण, कर्म व स्वभाव को धारण करने की प्रेरणा करता है। वैदिक धर्म से इतर हिन्दू, जैन, बौद्ध, ईसाई, मुस्लिम आदि मत-मतान्तर हैं। धर्म श्रेष्ठ गुण–कर्म–स्वभाव […] Read more » “विद्यायुक्त सत्य वैदिक धर्म की उन्नति में बाधायें” Featured ऋषि दयानन्द कृपासागर नित्य मुक्तस्वभाव वाला नित्य शुद्ध पं. गुरुदत्त विद्यार्थी पं. लेखराम जी महात्मा हंसराज सच्चिदानन्दानन्तस्वरूप स्वामी श्रद्धानन्द जी