कविता मां June 8, 2015 by विजय कुमार सप्पाती | Leave a Comment -विजय कुमार सप्पाती- “माँ / तलाश” माँ को मुझे कभी तलाशना नहीं पड़ा; वो हमेशा ही मेरे पास थी और है अब भी .. ! लेकिन अपने गाँव/छोटे शहर की गलियों में , मैं अक्सर छुप जाया करता था ; और माँ ही हमेशा मुझे ढूंढ़ती थी ..! और मैं छुपता भी इसलिए था […] Read more » Featured कविता मां मां कविता मां पर कविता
कविता मां का आंचल May 9, 2015 by रवि श्रीवास्तव | 2 Comments on मां का आंचल -रवि विनोद श्रीवास्तव- मेरी ये कविता मदर्स डे पर संसार की सभी माओं को समर्पित। बचपन में तेरे आंचल में सोया, लोरी सुनाई जब भी रोया। चलता था घुटनो पर जब, बजती थी तेरी ताली तब। हल्की सी आवाज पर मेरी, न्योछावर कर देती थी खुशी। चलने की कोशिश में गिरा। जब पैर अपनी खड़ा […] Read more » Featured कविता मां का आंचल मां पर कविता
कविता “मां तू कितनी प्यारी है“ May 7, 2015 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 2 Comments on “मां तू कितनी प्यारी है“ -आलोक ‘असरदार’- बंद किये ख्वाबों के पलके, मैं तेरे जीवन में आया आँख खुली तो सबसे पहले माँ मैंने तुझको ही पाया तेरे गोद में मैंने अपना बचपन हँसकर खेला है मुझे लगाकर सीने से हर दुःख को तूने झेला है मेरे जीवन के बगिया की तू फुलवारी है, माँ तू कितनी प्यारी है माँ […] Read more » “मां तू कितनी प्यारी है“ Featured मां मां पर कविता