कविता आएँगे आएँगे आएँगे, अच्छे दिन आ ही जाएँगे ! May 9, 2018 by गोपाल बघेल 'मधु' | Leave a Comment आएँगे आएँगे आएँगे, अच्छे दिन आ ही जाएँगे; जीव जड़ ना ही रहेंगे, बोध वे पा भी सकेंगे ! माधुरी दे पाएँगे, मधुर स्वर गा पाएँगे; मोह में ना वे रहेंगे, मुक्ति रस पीते चलेंगे ! सत्व गुण होगा प्रभावी, सूक्ष्म मन होंगे प्रभारी; आएगी उनकी वारी, रहे अब तक जो पिछाड़ी! चरित्र निर्मल होंगे, […] Read more » Featured आएँगे उत्कृष्टि चखेगी चरित्र निर्मल मधु’ मानुष माधुरी
विविधा माधुरियों से पटा पडा है देश April 30, 2010 / December 24, 2011 by लिमटी खरे | 3 Comments on माधुरियों से पटा पडा है देश -लिमटी खरे उच्च स्तर पर बैठे एक राजनयिक और भारतीय विदेश सेवा की बी ग्रेड की अफसर माधुरी गुप्ता ने अपनी हरकतों से देश को शर्मसार कर दिया है, वह भी अपने निहित स्वार्थों के लिए। माधुरी गुप्ता ने जो कुछ भी किया वह अप्रत्याशित इसलिए नहीं माना जा सकता है क्योंकि जब देश को […] Read more » Country love देशप्रेम माधुरी