कविता सावन July 16, 2025 / August 25, 2025 by डॉ राजपाल शर्मा 'राज' | Leave a Comment नील गगन घनश्यामाच्छादित,तेज तड़ित की दमक उठे।जो संग पवन के द्रुत गति वो,अगले बादल चमक उठे। मेघ उच्च जो श्यामवर्ण हैं,मंद चाल विचरण करते।जीत समर को निकले हों ज्यों,गहरे गर्जन स्वर भरते। ऐसी श्यामल पृष्ठभूमि में,हर एक दृश्य अति सुंदर।हरे-भरे तरु, ताल, सरोवरमानव-रचित ये श्वेत घर। अहा! जल की नन्हीं सी बूँदें,धरती पर इठलाई हैं।अल्हड़-सी […] Read more » सावन
कला-संस्कृति वर्त-त्यौहार सावन मनभावन: भीगते मौसम में साहित्य और संवेदना की हरियाली July 7, 2025 / July 7, 2025 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment सावन केवल एक ऋतु नहीं, बल्कि भारतीय जीवन, साहित्य और संस्कृति में एक गहरी आत्मिक अनुभूति है। यह मौसम न केवल धरती को हरा करता है, बल्कि मन को भी तर करता है। लोकगीतों, झूले, तीज और कविता के माध्यम से सावन स्त्रियों की अभिव्यक्ति, प्रेम की प्रतीक्षा और विरह की पीड़ा का स्वर बन […] Read more » Sawan Manbhaaan: Greenery of literature and sensitivity in the wet season सावन
कविता आ गया सावन,सजन घर नहीं आये July 31, 2018 / July 31, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment आर के रस्तोगी आ गया सावन,सजन घर नहीं आये क्या करू अब मै,मन कुछ नहीं भाये भेजे उनको कितनी बार मैंने सन्देशे हर बार हो गये मेरे सन्देशे अनदेखे क्या करू मुझको कोई तो बतलाये क्या करू मेरे सजन घर नहीं आये पड गया झूले सजन मेरे नहीं आये क्या करू मै,मुझे कोई तो समझाये […] Read more » आ गया सावन सजन घर नहीं आये साजन सावन सावन में शरारत
कविता बारिश का मौसम है,आओ भीगे सनम July 3, 2018 / July 3, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment बारिश का मौसम है,आओ भीगे सनम तन की तपन को शीतल कर ले सजन ये जीवन धीरे से ऐसे ही कट जाएगा आशाओ के सहारे ऐसे ही कट जाएगा निराशा न देना तुम मेरे प्यारे सनम आओ बारिश में भीगे हम तुम सजन बारिस का मौसम है, ………… मन को न मसोसे कभी हम और […] Read more » आओ भीगे सनम घनघोर घटाये बारिस का मौसम है सावन हरियाली
व्यंग्य साहित्य आया सावन जल -भुन के July 25, 2016 by अशोक गौतम | Leave a Comment लीजिए साहब! जिस बेदर्दी सावन का फरवरी से ही सरकार को इंतजार था आखिर वह आ ही गया। जल -भुन के ही सही। सावन हद से अधिक झूमता- लड़खड़ाता जनता के सामने अपने को पेश करे अतैव सरकार ने उसको लड़खड़ाते हुए आने के लिए रास्ते में ही गच्च कर दिया है। हर दो कोस […] Read more » Featured आया सावन जल -भुन के सावन
धर्म-अध्यात्म श्रावणी मेला में साकार होता है शिव का विराट स्वरूप July 17, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -कुमार कृष्णन- शिवपुराण में भगवान भोले शंकर के महात्म्य की चर्चा करते हुए उल्लखित है कि जैसे नदियों में गंगा, सम्पूर्ण नदी में शोणभद्र, क्षमा में पृथ्वी, गहराई में समुद्र और समस्त ग्रहों में सूर्यदेव का विशिष्ट स्थान है, उसी प्रकार समस्त देवताओं में भगवान शिव श्रेष्ठ माने गये हैं। प्रत्येक वर्ष श्रावण के पावन […] Read more » भागवान शंकर भोलेनाथ शिव शिव का विराट स्वरूप श्रावणी मेला सावन
कविता सावन तूने निराश किया , धरती को उदास किया . August 13, 2011 / December 7, 2011 by अशोक बजाज | 1 Comment on सावन तूने निराश किया , धरती को उदास किया . खेतों की हरियाली को , किसानों की खुशहाली को ; तूने बहुत हताश किया . सावन तूने निराश किया , धरती को उदास किया . रूठे बादलों को मनाने का , हवाओं को फुसलाने का ; क्यों नहीं प्रयास किया , सावन तूने निराश किया , धरती को उदास किया . अब तू […] Read more » Savana सावन
लेख शिव स्वयं सावन हैं July 21, 2011 / December 8, 2011 by पंडित सुरेश नीरव | Leave a Comment समग्र किसान चेतना का प्रतीक है- शिव पंडित सुरेश नीरव सावन का महीना। चैत्र मास से शुरू होनेवाले भारतीय कैलेंडर का पांचवा महीना। पांच यानि सृष्टि के पंचभूत का प्रतीक। तो फिर क्यों न हो भूताधिपति महादेव को प्रिय यह पांचवां महीना। जो स्वयं जल की तरह तरल और भोले हैं। जिनके माथे पर चंद्रमा […] Read more » Shiv शिव सावन